पूर्ण राज्य के दर्जे के लिये केजरी दिल्ली में कराएंगे रायशुमारी!
नई दिल्ली: दिल्ली को राज्य के दर्जे के मुद्दे पर आप सरकार जनमत संग्रह कराना चाहती है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विभिन्न विभागों को एक नोट भेजकर इसके लिए ‘मसौदा कानून और तंत्र’ तैयार
नई दिल्ली: दिल्ली को राज्य के दर्जे के मुद्दे पर आप सरकार जनमत संग्रह कराना चाहती है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विभिन्न विभागों को एक नोट भेजकर इसके लिए ‘मसौदा कानून और तंत्र’ तैयार करने को कहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ जनमत संग्रह योजना पर चर्चा की। मुख्यमंत्री के नोट में कहा गया है ‘दिल्ली में जनमत संग्रह कराया जाए। जनमत संग्रह के लिए मसौदा कानून और तंत्र बने।’ केजरीवाल ने शहरी विकास विभाग से निर्धारित समय का उल्लेख करते हुए एक संभावना रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इस तरह का जनमत संग्रह कराने के लिए विभाग से सरकार के पास उपलब्ध विभिन्न विकल्प बताने को कहा गया है।
कानून विभाग को भी मुद्दे से जुड़े कानूनी मसलों पर चर्चा करने को कहा गया है।
दिल्ली के लिए राज्य के दर्जे की मांग करते हुए कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, ‘कानूनी जटिलताएं नहीं आएंगी। केवल भाजपा और कांग्रेस अपने वादे से मुकर जाएंगी। यह एक राजनीतिक मुद्दा है।’ उन्होंने पूछा, ‘अन्य राज्यों में लोगों को अपनी जमीन पर अधिकार है और पुलिस तथा दिल्ली के नागरिकों को भी ये अधिकार होने चाहिएं। जो दूसरों को मिल रहा है हमें भी मिलना चाहिए..दिल्ली क्यों नुकसान भुगते।’ मिश्रा ने संकेत दिया कि आप इस मुद्दे पर प्रदर्शन शुरू कर सकती है।
मिश्रा ने कहा, ‘भाजपा और कांग्रेस ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था। वे अपने वादों को भूल गये लेकिन आप नहीं भूली है। आप सरकार शांत नहीं बैठेगी और दिल्ली को राज्य का दर्ज मिलने से कोई नहीं रोक सकता है।’साथ ही उन्होंने कहा, लोगों की राय लेने में क्या नुकसान है। आप सरकार ने दावा किया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से अलग राज्य के दर्जे के प्रस्ताव पर देरी हो रही है। मिश्रा ने कहा, ‘यह सही समय है जब लोगों को यह (राज्य) मिले। दिल्ली के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।’
आप नेता आशीष खेतान ने कहा, ‘दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा लोगों के हित में होगा और उन्हें इसका फैसला करना चाहिए। लोगों को फैसला करने दें फिर दूसरी पार्टियां, केंद्र को वह करना चाहिए जो लोग चाहते हैं।’भारतीय संविधान में दिल्ली को विशिष्ट दर्जा मिला है। यह एक केंद्रशासित प्रदेश है जहां विधानसभा भी है। दिल्ली के लिए राज्य का दर्जा आम आदमी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा है और भाजपा जैसी अन्य राजनीतिक पार्टियां भी मुद्दे को उठाती रही हैं।
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