लखनऊ: लोकसभा के पिछले चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती देने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आगामी आम चुनाव नहीं लड़ेंगे। मगर, उनकी आम आदमी पार्टी (आप) काशी से किसी अन्य मजबूत प्रत्याशी को जरूर खड़ा करेगी। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आज टेलीफोन पर ‘भाषा’ को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और अपने राज्य पर विशेष ध्यान देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन दावेदार नरेन्द्र मोदी को पिछले लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर चुनौती दी थी। पार्टी इस बार वाराणसी में केजरीवाल के बजाय किसी अन्य मजबूत प्रत्याशी को खड़ा करेगी। गौरतलब है कि केजरीवाल ने वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नयी दिल्ली सीट से पराजित किया था। उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में वह मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे थे। आप प्रवक्ता ने बताया कि उनकी पार्टी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ की सभी लोकसभा सीटों पर जबकि उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उत्तर प्रदेश के बारे में फरवरी तक सारी चीजों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पार्टी वाराणसी के अलावा पूर्वांचल और पश्चिमांचल की कुछ ऐसी सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी, जहां उसका संगठन मजबूत है।
अगले लोकसभा चुनाव में आप के मुद्दों के बारे में सिंह ने बताया कि दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, बिजली, पानी की प्राथमिकताओं पर काम कर रही है। अगर हम राष्ट्रीय राजनीति में जाएंगे तो सभी के लिये शिक्षा, कमजोर तबकों को निःशुल्क शिक्षा, बेरोजगारी खत्म करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने के मुद्दे लेकर जनता के बीच जाएंगे। आप प्रवक्ता ने केजरीवाल द्वारा पिछले दिनों आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट ना दिये जाने सम्बन्धी बयान के बारे में कहा कि उनकी बात को आधे-अधूरे तरीके से पेश किया गया। केजरीवाल ने दिल्ली की सभा में कहा था कि भाजपा को हराना है तो कांग्रेस को वोट देकर उसे बर्बाद ना करे। उनका मतलब दिल्ली प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में था, जहां आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
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