रक्षामंत्री ने चीन को दिया करारा जवाब, कहा- अरुणाचल पर दूसरों के विचार मायने नहीं रखते
अपने अरुणाचल दौरे पर चीन द्वारा की गई आपत्ति का रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया है...
गांधीनगर: अपने अरुणाचल दौरे पर चीन द्वारा की गई आपत्ति का रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया है। रक्षामंत्री ने शनिवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और इस मुद्दे पर दूसरों के विचार भारत के लिए मायने नहीं रखते। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सीतारमण के अरुणाचल दौरे को लेकर चीन ने सवाल उठाए थे। अरुणाचल प्रदेश की उनकी यात्रा पर चीन की ओर से प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा, ‘समस्या क्या है? यहां कोई समस्या नहीं है। यह हमारा क्षेत्र है, हम वहां जाएंगे। हमें इस मुद्दे पर किसी और के नजरिए की चिंता नहीं है।’
सीतारमण ने 5 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम सैन्य चौकी का दौरा किया था। उन्होंने यहां रक्षा तैयारियों और वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर स्थिति का जायजा लिया था। चीन ने अगले दिन ही रक्षामंत्री के दौरे का विरोध जताया था और कहा था कि 'विवादित क्षेत्र' में इस दौरे से सीमा पर शांति नहीं आएगी। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है, भारत चीन के इस दावे को कड़ाई से अस्वीकार करता रहा है। चीन और भारत के बीच सबंध में कड़वाहट की वजह दलाई लामा और तिब्बती शरणार्थी होने के सबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सभी मुद्दे का अपना एक 'प्रभाव' होता है। किसी एक मुद्दे पर संबंध बनाए और तोड़े नहीं जा सकते। सभी मुद्दों का अपना एक अलग प्रभाव होता है।’
रक्षामंत्री आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए गुजरात में हैं। कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘भारत उन्हें वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और अगर पाकिस्तान उनकी पत्नी को उनसे मिलने देता है तो यह एक अच्छी मानवीय पहल होगी।’ सीतारमण ने कहा, ‘कुलभूषण जाधव का मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में लंबित है और भारत उन्हें रिहा करवाने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। मैं नहीं जानती कि उनकी पत्नी को उनसे मिलने देने की अनुमति देने में पाकिस्तान का पक्ष क्या है लेकिन यह एक अच्छी मानवीय पहल है और इससे उनका हौसला बढ़ेगा।’
जम्मू एवं कश्मीर पर मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए कदम उठा रही है और राज्य पुलिस के काम की प्रशंसा की। सीतारमण ने कहा, ‘पिछले एक वर्षो में, आप देखेंगे कि पथराव की घटना में कमी आई है और मैं इसका श्रेय जम्मू एवं कश्मीर पुलिस को देना चाहती हूं। राज्य सरकार एक चुनी हुई सरकार है और वे लोग इन मुद्दों को सुलझाने के लिए गांवों का दौरा कर रहे हैं।’