श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भेजने के केंद्र सरकार के फैसले ने घाटी में कथित तौर पर तमाम आशंकाओं को जन्म दिया है। हालांकि भारत सरकार ने बार-बार कहा है कि इन बलों की तैनाती सुरक्षा कारणों के चलते की गई है, लेकिन सूबे के कुछ राजनीतिक दलों को और ही चिंता सता रही है। सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर सरकार को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। महबूबा ने कहा है कि यदि 35ए या 370 से छेड़छाड़ होती है तो इसके नतीजे बेहद गंभीर होंगे।
‘35ए या 370 से छेड़छाड़ का होगा खतरनाक अंजाम’
मीडिया से बात करते हुए महबूबा ने कहा, ‘यदि 35ए या 370 के साथ छेड़छाड़ की गई तो उसके नतीजे बेहत खतरनाक होंगे। हमने भारत सरकार से अपील भी की, हमने मिन्नतें भी कीं लेकिन बदकिस्मती की बात यह है कि अभी भी उनकी तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया या आश्वासन नहीं मिला है। जम्मू-कश्मीर में लोग घबराए हुए हैं लेकिन सरकार इतना भी नहीं कर रही कि किसी से बात कर ले और कहे कि सबकुछ ठीक है।’ महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के वर्तमान हालात पर सूबे की तमाम सियासी पार्टियां आज शाम 6 बजे उनके आवास पर एक बैठक करने वाली हैं।
सरकार ने कहा, सुरक्षा कारणों से सैनिकों की तैनाती
वहीं, देश के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती वहां की सुरक्षा की स्थिति और फेरबदल की जरूरत पर आधारित होती है, और ऐसी बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती। दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को बताया था कि राज्य को संवैधानिक प्रावधानों में किसी भी बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह आश्वासन दिया कि अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती विशुद्ध रूप से सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम है।
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