नई दिल्ली: मुंबई के भायंदर में चल रही आरएसएस की कार्यकारिणी बैठक में बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है। समझा जा रहा है कि इस मुलाकात में अयोध्या में राम मंदिर समेत 2019 के लोकसभा चुनाव पर चर्चा हुई। अमित शाह ने संघ के बड़े पदाधिकारियों से भी बातचीत की है। एक दिन पहले ही संघ ने राम मंदिर के लिए जमीन अधिग्रहण करने और कानून बनाने की बात कही थी।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी भी राम मंदिर पर ठोस कदम उठाने के पक्ष में है। सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी चाहती है कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में ही समस्या का हल निकले और मंदिर निर्माण शुरू हो लेकिन सरकार जनवरी में अदालत की सुनवाई का इंतज़ार करना चाहती है और ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र में कोई बड़ी पहल होने की संभावना नहीं है।
पिछले महीने अमित शाह ने कहा था कि उनकी इच्छा है कि राम मंदिर का निर्माण 2019 से शुरू जाए। हाल में उन्होंने कहा कि विवादित जमीन के मालिकाना हक के बारे में फैसला करते हुए इस बात को किनारे नहीं किया जा सकता कि भगवान राम के जन्मस्थल पर स्थित उनके मंदिर को गिराया गया है। शाह ने कहा कि हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि 600 साल पहले अयोध्या में राम मंदिर को गिराया गया था।
बहुतों को ऐसा लग रहा है कि अयोध्या में संत समाज की मांगों का समर्थन कर संघ ने बीजेपी और केंद्र पर दबाव बढ़ा रहा है। उधर, शाह के अपने बयान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि संभवतः पार्टी अपने विकास और कल्याण के अजेंडे के साथ इस सांस्कृति और पहचान के इस इशू को जोड़ फोकस में लाना चाहती है।
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