तुमकुरु (कर्नाटक): भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को यहां शिद्धगंगा मठ में 110 वर्षीय लिंगायत संत, शिवकुमार स्वामी से मुलाकात की और अप्रैल-मई में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लिया। शाह ने यहां पत्रकारों से कहा, "जब मैंने श्रद्धेय स्वामीजी से मुलाकात की, तो मुझे ऐसा लगा कि मैं भगवान के दर्शन कर रहा हूं। मैंने राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा।"
शाह ने इस बात पर भी खुशी जताई कि प्रसिद्ध लिंगायत मठ पूरे राज्य में 125 शैक्षणिक संस्थान चला रहा है और लोगों की भलाई से जुड़े कई काम कर रहा है। शाह ने कहा, "स्वामीजी ने शिक्षा के जरिए समाज के सभी वर्गो के लोगों को एक साथ लाने में सफलता पाई है।"
...तो इसलिए खास है यह मुलाकात
शाह ने शिवकुमार स्वामी से यह मुलाकात ऐसे समय में की है, जब एक हफ्ते पहले 19 मार्च को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया नीत कांग्रेस सरकार ने लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को एक अलग धर्म का दर्जा देने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार ने 23 मार्च को 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बासवा के अनुयायियों को कुछ समुदायों के विरोध के बावजूद धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 प्रतिशत है और ऐसा माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव में इस समुदाय को लुभाने के लिए उठाया है।
कर्नाटक में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा बी.एस. येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से हैं और उन्होंने कांग्रेस की इस पहल को हिंदू मतों को बांटने का प्रयास बताया है। राजनीतिक पर्यवेक्षक शाह के मठ दौरे को लिंगायत समुदाय को अपने पक्ष में करने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं।
शाह अपनी यात्रा के दौरान सोमवार को नारियल और सुपारी उत्पादकों तथा व्यापारियों से भी मुलाकात करेंगे। वह इस दौरान रोड शो करेंगें और राज्य के दूर-दराज इलाकों स्थित अन्य मठों का भी दौरा करेंगे।
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