अमित शाह: जिन्हें माना जाता है राजनीति का चाणक्य, गृहमंत्री बनने के बाद लिए कई ऐतिहासिक निर्णय
अमित शाह के कंधों पर देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा है और इसके लिए उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए कई कदम उठाए हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आज जन्मदिन है और वे 57 वर्ष के हो गए हैं। लगभग एक दशक पहले तक अमित शाह का राष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव शायद ही कोई मानता था। लेकिन, एक दशक से भी कम समय में भारतीय जनता पार्टी को दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनाकर अमित शाह ने देश की राजनीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। लगातार 2 कार्यकाल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहने के बाद अमित शाह देश के गृह मंत्री बने और गृह मंत्री बनने के बाद उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अमित शाह को लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले राज्य उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया गया था। उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने यूपी के लिए ऐसी रणनीति से काम किया कि भाजपा के 70 से ज्यादा सांसद जीत गए। यूपी में अमित शाह की कार्यकुशलता का इतना असर हुआ कि सरकार बनते ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया।
अमित शाह के अध्यक्ष रहते हुए भारतीय जनता पार्टी ने देश के ऐसे राज्यों में चुनाव जीतना शुरू कर दिया, जहां पहले कभी भाजपा की सरकारें नहीं बनी थीं, अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा की सरकारें चुनकर आने लगीं, जम्मू-कश्मीर में भाजपा का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला और पीडीपी के गठबंधन के साथ भाजपा की सरकार बनी, हरियाणा में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, वह भी पूर्ण बहुमत से। महाराष्ट्र में भी भाजपा ने चुनाव जीतकर सरकार बनाई और बाद में मजबूर होकर शिवसेना को भी सरकार में शामिल होना पड़ा। बिहार में अमित शाह ने नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन तोड़ने के लिए मनाया और एक बार फिर से भाजपा-जदयू सरकार बनी। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तो भाजपा अकेले 300 से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब हो गई।
भाजपा का पूरे देश में विस्तार करने तथा चुनाव जीतने के लिए अमित शाह का जुनून इतना ज्यादा है कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने निकाय चुनावों को भी हल्के में नहीं लिया। 'पन्ना प्रमुख' तथा 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' जैसे कार्यक्रमों के जरिए भारतीय जनता पार्टी ने हर चुनाव में माइक्रो मैनेजमेंट का प्रदर्शन किया और देश के कोने-कोने में पार्टी का विस्तार किया। अमित शाह के कुशल चुनाव प्रबंधन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के दम पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 300 से ज्यादा सांसद जीतकर आए और केंद्र में लगातार दूसरी बार मोदी सरकार बनी।
2019 में अमित शाह भी मोदी सरकार में मंत्री बने और उन्हें सबसे महत्वपूर्ण गृह मंत्रालय सौंपा गया। गृह मंत्री बनते ही अमित शाह ने एक के बाद एक ऐतिहासिक फैसले लेने शुरू कर दिए, मई में सरकार बनी थी और अगस्त की शुरुआत में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया तथा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया। इसके कुछ महीने बाद देश की संसद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पास करा दिया गया।
अमित शाह के कंधों पर देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा है और इसके लिए उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए कई कदम उठाए हैं। गृह मंत्री के तौर पर जब भी जरूरत होती है तो वे खुद आगे आकर लीड करने में विश्वास रखते हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान जब दिल्ली के कुछ अस्पतालों में कोरोना मैनेजमेंट को लेकर सवाल उठे थे तो उन्होंने खुद कई अस्पतालों में जाकर स्वास्थ्यकर्मियों और डाक्टरों का हौसला बढ़ाया था। हाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है और वहां पर स्थिती का जायजा लेने के लिए वे खुद दौरा करने जा रहे हैं।