नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राजधानी नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सीएए, एनआरसी, कश्मीर, आरक्षण सहित तमाम मुद्दों पर सवालों के जवाब दिए। उन्होंने देशद्रोह के मामलों के सवाल पर कहा कि कांग्रेस के समय जितने देशद्रोह के केस लगते थे उसके मुकाबले हमने 2 प्रतिशत भी नहीं लगाए हैं।
सीएए के खिलाफ चल रहे अभियान पर उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध करने वालों से 20 गुना ज्यादा लोग पक्ष में हैं, लेकिन उन्होंने पत्थर नहीं उठाए। सीएए के समर्थन में कई जगहों पर 1.5-2 लाख लोग इकट्ठा हुए। अमित शाह ने कहा कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है और वो 3 दिनों के भीतर किसी को भी समय देंगे जो उनके साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है।
कश्मीर को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता अगर जम्मू-कश्मीर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं, हमने किसी को नहीं रोका, यशवंत सिन्हा जी गए थे उनको किसी नहीं रोका ये अलग बात है कि उन्हें मीडिया कवरेज नहीं मिली। उन्होंने बताया कि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखने का फैसला जम्मू-कश्मीर के स्थानीय प्रशासन का है, भारत सरकार ने नहीं किया है।
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