कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दिवाली बाद होगी ताजपोशी?
अमेठी के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का कार्यक्रम पहले ही तय हो चुका था इसलिए तय कार्यक्रम के मुताबिक दौरे को इजाजत मिलनी चाहिए थी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगे।
नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट ने कहा है कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभाल लेनी चाहिए। इतना ही नहीं सचिन पायलट ने तो यहां तक उम्मीद जताई है कि राहुल दिवाली के कुछ समय बाद ये जिम्मेदारी संभाल भी सकते हैं लेकिन इसी बीच, राहुल गांधी को अमेठी दौरे की इजाजत नहीं मिलने पर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस भाजपा पर हमला बोल रही है। दौरे की मंजूरी नहीं दिए जाने को भाजपा की कमजोरी बता रही है हालांकि अमेठी जिला प्रशासन ने अपील की है त्योहारों की वजह से पूरा प्रशासनिक अमला व्यस्त है इसलिए राहुल गांधी अपने दौरे को आगे टाल दें। ये भी पढ़ें: गुरु को दिए तीन वचनों को तोड़ा और बर्बाद हुआ राम रहीम, जानें संत की तीन सौगंध का रहस्य
बता दें कि राहुल गांधी 4 से 6 अक्तूबर के बीच अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर जाने वाले हैं लेकिन अमेठी के डीएम और एसएसपी ने त्योहारों के सीजन में प्रशासनिक अमले के व्यस्त होने का हवाला देते हुए दौरा आगे टालने की अपील की है। चिट्ठी में लिखा है कि 5 अक्टूबर तक जिले में त्योहारों का सीजन है। इस मौके पर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ज्यादातर पुलिस बल ड्यूटी में व्यस्त रहेगा। राहुल गांधी के कार्यक्रम की वजह से शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में परेशानी होगी। लिहाजा ये अपील की जा रही है कि राहुल गांधी अपना कार्यक्रम 5 अक्टूबर के बाद तय करें।
जिला प्रशासन की ये चिट्ठी सामने आने के बाद अमेठी से लेकर दिल्ली तक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भाजपा पर हमला बोल दिया तो शरद यादव ने लोकतंत्र का सबसे बुरा दिन बता दिया। अपने संसदीय क्षेत्र में नियमित तौर पर नहीं जाने से राहुल गांधी कई बार विरोधियों की आलोचना के शिकार हुए हैं और अब जब वो लंबे समय के बाद अमेठी जा रहे हैं तो जिला प्रशासन से दौरे को मंजूरी नहीं मिल रही है।
अमेठी के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का कार्यक्रम पहले ही तय हो चुका था इसलिए तय कार्यक्रम के मुताबिक दौरे को इजाजत मिलनी चाहिए थी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगे।