जम्मू: सोमवार की रात जब अचानक चारों तरफ से गोलियां चलने लगीं तो अमरनाथ यात्रियों से भरी बस में किसी को सपने में भी गुमान न था कि उन पर आतंकी हमला हो सकता है। इनकी बसे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच फ़ायरिंग में फंस गई थी। आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेना था लेकिन आतंकियों के मंसूबे बस के बहादुर ड्राइवर ने पानी फेर दिया। वलसाड के ओम ट्रैवल्स की बस का ये ड्राइवर मुस्लिम है जिसका नाम सलीम शेख़ है। शेख़ भोले के भक्तों को लेकर अमरनाथ से कटरा जा रहा था तभी आतंकी हमला हो गया लेकिन उसकी दिलेरी ने बस में सवार कई यात्रियों की जान बचा ली।
दरअसल, गोलियों की आवाज़ सुनकर बस में अफ़रातफरी मच गई थी और लोग घबरा गए थे लेकिन ऐसे संकट के समय बस के ड्रावर सलीम शेख़ ने हिम्मत नहीं हारी। उसे मालूम था कि अगर उसने बस रोक दी तो आतंकियों के लिए बस पर निशाना साधना आसान हो जाएगा। बस फिर क्या था, सलीम ने बस के एक्सेलेरेटर पर पांव रखा और गोलीबारी के बीच बस दौड़ाना शुरु कर दीष इस बीच एक गोली बस के टायर पर भी लगी लेकिन फिर भी सलीम ने बस नहीं रोकी और लगातार बस दौड़ाते रहे। आख़िर में सलीम बस को लेकर एक आर्मी कैंप में पुंच गए और इस तरह उन्होंने अपनी जान पर खेलकर कई लोगों की जान बचा ली।
ग़ौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार को अमरनाथ यात्रियों की एक बस पुलिस दल को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमले की चपेट में आ गई, जिसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हमले में पुलिसकर्मियों सहित 14 लोग घायल हुए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने बताया कि यह आतंकवादी हमला अमरनाथ यात्रियों को नहीं, बल्कि सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किया गया था।
इससे पहले, सन 2000 में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया था, जब पहलगाम में लगे आधार शिविर पर किए गए हमले में 30 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
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