चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को पड़ोसी देश से आग्रह किया कि वह इस करतारपुर कॉरिडोर की परियोजना पर अपना कमिटमेंट वापस न ले, क्योंकि सिख समुदाय के लिए इसका सर्वोच्च धार्मिक महत्व है। करतारपुर कॉरिडोर की विकास परियोजना पर पाकिस्तान की गतिविधियों में एक 'धीमी मंदी' की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने यह बात कही।
सिंह का बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा जा रहा है कि भारत ने इस्लामाबाद को करतारपुर परियोजना पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बैठकें आयोजित करने के लिए एक अनुस्मारक भेजा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव को केवल तीन महीने का समय शेष रह गया है, ऐसे में परियोजना को लेकर कोई भी 'धीमा कदम' ऐतिहासिक घटना के समय इसे पूरा होने से रोक सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे सिख समुदाय के लिए एक झटका होगा, जो अपने पहले धर्मगुरु से जुड़े उस स्थान को देखने के लिए मरे जा रहे हैं, जहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल गुजारे थे। भारत के साथ राजनयिक और व्यापार संबंधों को कमजोर करने के अपने फैसले के मद्देनजर अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान द्वारा व्यापार रोके जाने के मुद्दे पर सिंह ने अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक चिंताओं को किसी भी ऐसे फैसले से दूर रखना चाहिए, जिससे दोनों तरफ के लोगों के हितों को हानि पहुंचे। उन्होंने कहा, "व्यापार का रोका जाना विशेष रूप से पाकिस्तान में गरीबों को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा, क्योंकि इसी माल को अब ईरान या दुबई के माध्यम से लंबे समुद्री मार्ग से लेना होगा।"
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