सपा MLA को मंत्री ना बनाने पर कांग्रेस पर भड़के अखिलेश, बोले- कम से कम हमारा रास्ता साफ कर दिया
मालूम हो कि कांग्रेस की अगुवाई में गठबंधन बनाने की कोशिशों से सपा और बसपा अब तक किनारा करती नजर आई हैं।
लखनऊ: राष्ट्रीय फलक पर बड़ा गठबंधन बनाने की कांग्रेस की हाल की कोशिशों से किनारा करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समान विचारधारा वाले सियासी दलों का गठबंधन बनाने की दिशा में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के प्रयासों की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि वह उनसे मुलाकात के लिए हैदराबाद जरूर जाएंगे। अखिलेश ने मध्य प्रदेश सरकार में सपा के एकमात्र विधायक को मंत्री नहीं बनाए जाने पर कांग्रेस के प्रति नाराजगी भी जाहिर की।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह देश में भाजपा के खिलाफ एक ‘फेडरल फ्रंट‘ बनाने की कोशिशों के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव को बधाई देते हैं। उनकी राव से बात हुई थी और 25 या 26 दिसम्बर को उनसे मुलाकात भी होनी थी। अब वह दोबारा उनसे समय मागेंगे। वह खुद राव से मिलने के लिए हैदराबाद जाएंगे। उन्होंने कहा ‘‘उनका (राव) प्रयास है कि किस तरह एक फेडरल फ्रंट बने। आने वाले समय में मैं उनसे जरूर मिलूंगा।’’
मालूम हो कि कांग्रेस की अगुवाई में गठबंधन बनाने की कोशिशों से सपा और बसपा अब तक किनारा करती नजर आई हैं। चाहे दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की बैठक हो या फिर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकारों के शपथग्रहण समारोह रहे हों, सपा और बसपा ने इनसे परहेज ही किया।
उत्तर प्रदेश में बनने वाले सपा-बसपा के महागठबंधन में कांग्रेस को भी शामिल करने की सम्भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर सपा प्रमुख ने कोई साफ जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा ‘‘हम सबसे पहले भाजपा को धन्यवाद देना चाहेंगे कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में समाजवादियों की सरकार को झूठ बोलकर हटाया। उन्होंने तमाम सपने दिखाए थे। हम समाजवादियों को ना जाने क्या-क्या कहा था। हम इसके लिए भाजपा को धन्यवाद देंगे कि कम से कम उन्होंने हमको बैकवर्ड समझा। हम तो खुद को बैकवर्ड हीं नहीं समझते थे, हम तो काम पर वोट मांग रहे थे।’’
सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा ‘‘हम कांग्रेस का भी धन्यवाद देना चाहते हैं कि उसने हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया। कम से कम समाजवादियों का रास्ता साफ कर दिया।’’ अखिलेश ने एक सवाल पर कहा ‘‘आने वाले समय में किस तरह का गठबंधन होगा, कौन कौन साथ आएंगे, कौन साथ आना चाहते हैं, यह विकल्प खुला है। समाजवादियों ने काम करके दिखाया था, लेकिन जो जनता को पसंद है, वह बातें भी हमें जनता के सामने रखनी पड़ेंगी।’’
इस बीच, सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पार्टी नेतृत्व के कहने पर वहां के एकमात्र सपा विधायक ने सबसे पहले राज्यपाल को कांग्रेस को समर्थन देने का पत्र दिया था और कांग्रेस ने भी वादा किया था कि वह उस विधायक को मंत्री बनाएगी, लेकिन उसने अपना वादा नहीं निभाया। इससे यह भरोसा भी खत्म हुआ कि कांग्रेस अपनी बात पर कायम रह सकती है।