लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की किसानों को 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष मदद देने की घोषणा अन्नदताओं के साथ धोखा है। अखिलेश ने कहा कि इससे किसान को 17 रुपये प्रतिदिन मिलेगा, जबकि न्यूनतम मजदूरी 150 रुपये है। रविवार शाम जारी एक बयान में अखिलेश ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की ‘कुनीतियों’ के चलते न केवल लोग दहशत में हैं अपितु किसान भी अपने को अपमानित तथा ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सपा मुखिया ने कहा कि खेती का लागत मूल्य लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज हमारा किसान बड़े पैमाने पर सरसों पैदा कर रहा है लेकिन सवाल यह है कि क्या उसे फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा? उन्होंने कहा, ‘केंद्र विदेशों से तेल मंगा रहा है तो प्रदेश का किसान क्या सही कीमत पाएगा? आलू किसान को कुछ नहीं मिला? मक्का किसान खरीद केंद्र ढूंढता रह गया।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष मदद देने की जो घोषणा की है वह किसानों के साथ धोखा है। अखिलेश ने कहा, ‘इस तरह तो किसान को 17 रुपये प्रतिदिन मिलेगा जबकि न्यूनतम मजदूरी 150 रुपये है। यह किसान के साथ छलावा और उसके सम्मान के साथ खिलवाड़ है।’
अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा सरकारों की न तो प्रशासन और किसानों की आय बढ़ाने में कोई रूचि है और नहीं उसके पास विकास की कोई दृष्टि नहीं है। जब तक देश की नीति नहीं बनेगी तब तक खेती और खेती से जुड़े कारोबार से फायदा नहीं होगा।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है। उन्होंने कहा, ‘आज वह सरकार की नीतियों की वजह से कर्ज और सूद में जकड़ा हुआ है। अभी झांसी में एक किसान ने आत्महत्या कर ली। किसान का संकट राष्ट्रीय संकट है। इसका समाधान होना चाहिए। वैसे भी किसान अब भाजपा की नीति और नीयत से बखूबी वाकिफ हो चुका है।’
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