अखिलेश के पक्ष में 206 विधायकों ने हलफनामे पर किए साइन, CM बोले- नेताजी हमारे साथ हैं
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायकों के साथ मीटिंग की । मीटिंग में 206 विधायकों के पहुंचने का दावा किया गया है। पांच कालिदास मार्ग पर हुई
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच छिड़े संग्राम में अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है। दोनों ही खेमों से साफ संकेत मिल रहे हैं कि कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। मुलायम सिंह यादव, शिवपाल के साथ चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करने दिल्ली चले गए। सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पार्टी विधायकों के साथ बैठक आज सुबह 10 बजे से लखनऊ में उनके आवास पर हुई। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में आजम खां भी मौजूद रहे।
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मीटिंग में 206 विधायकों के पहुंचने का दावा किया गया है। कहा जा रहा है कि इन सभी विधायकों ने अखिलेश का साथ देने के लिए एक एफिडेविट पर दस्तखत किए। अखिलेश कैंप विधायकों के हस्ताक्षर वाला खत एक-दो दिन में चुनाव आयोग में जमा करेगा। इस दौरान अखिलेश ने विधायकों को अपने अपने क्षेत्रों में जाकर प्रचार करने को कहा और चुनाव चिन्ह साइकिल अपने पास रहने का 80 फीसदी भरोसा दिया। अखिलेश ने कहा कि सुलह की कोशिश जारी रहेगी और नेताजी से प्रचार कराएंगे। उन्होंने कहा, नेताजी हमारे साथ हैं, उनका आशीर्वाद हमारे साथ है।
वहीं, चुनाव आयोग ने सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल को लेकर अखिलेश और मुलायम को 9 जनवरी तक का समय दिया है और एक-दूसरे के दावों पर जवाब देने को कहा है। गौरतलब है कि मुलायम और अखिलेश दोनों खेमे साइकिल पर दावा कर रहे हैं।
सुलह न हो पाने पर एमएलसी सुनील यादव साजन ने कहा कि अखिलेश यादव राजधर्म का पालन करने का फैसला कर रहे हैं। इधर, सपा में चल रही रार खत्म करने के लिए मुलायम सिंह यादव के आवास पर आजम खां, शिवपाल यादव, बलराम यादव, नारद राय व ओम प्रकाश सिंह ने मैराथन बैठक की। इस बैठक में मुलायम सिंह यादव तनाव मुक्त और समझौते को लेकर खासे आश्वस्त भी दिखे।
सपा सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने कहा कि इस तरह के विपरीत हालात उन्होंने पहले भी देखे हैं और उन्हें इन सब चुनौती से निपटने का पुराना अनुभव है, इसलिए चिंता की बात नहीं है। मुलायम ने उम्मीद जताई कि बहुत जल्द रास्ता निकल आएगा। इस बीच, उन्होंने रामगोपाल यादव के खिलाफ आयोग को एक और ज्ञापन भेजा है। रामगोपाल यादव ने 1 जनवरी को एक अधिवेशन बुलाया था, जिसे मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक बताया था।