मुंबई। महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम में नया बदलाव हुआ है। शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पवार के भतीजे अजित पवार को पार्टी के विधायक दल के नेता से हटा दिया है। शनिवार को शरद पवार के साथ पार्टी के विधायकों की हुई बैठक में यह फैसला हुआ है। अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाए के बाद अब अगला नेता चुने जाने तक सारे अधिकार जयंत पाटिल को दे दिए गए है। अजित पवार के व्हिप निकालने का अधिकार और विधायक दल के नेता के तौर पर मिलने वाले सारे अधिकार खत्म कर दिए गए है।
शरद पवार ने पार्टी के सभी 54 विधायकों को बैठक के लिए बुलाया था लेकिन सभी विधायक नहीं पहुंचे थे, सूत्रों के मुताबिक करीब 40 विधायक पार्टी की बैठक में आए हुए थे और इसी बैठक में अजित पवार को विधायक दल के नेता से हटाए जाने का फैसला हुआ है। हालांकि अजित पवार की जगह अभी किसी और को पार्टी के विधायक दल का नेता नहीं बनाया गया है और न ही अजित पवार को पार्टी से बाहर किया गया है।
इससे पहले भाजपा के साथ सरकार में शामिल होने पर राकांपा नेता अजित पवार के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की थी। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के चित्र पर जूते भी फेंके। तेजी से बदलते घटनाक्रम में भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और राकांपा नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जैसे ही पवार के अप्रत्याशित कदम की खबर फैलनी शुरू हुई स्थानीय राकांपा कार्यकर्ता यहाँ नौपाडा क्षेत्र में स्थित पार्टी के जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर अजित के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व ठाणे नगर पालिका में राकांपा के नेता मिलिंद पाटिल ने किया। विरोध प्रदर्शन में महिलाओं ने भी भाग लिया। पाटिल ने कहा, “(अजित) पवार ने महाराष्ट्र की जनता, राकांपा और पार्टी प्रमुख शरद पवार को धोखा दिया।” जिले के कल्याण में भी ऐसा ही विरोध प्रदर्शन हुआ। इसी बीच शहर में स्थित भाजपा कार्यालय में एक अजीब सी शांति छाई रही। एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें बहुमत साबित करने तक शांत रहने को कहा है।
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