नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद से जारी सत्ता साझेदारी को लेकर भाजपा-शिवसेना का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ भाजपा सरकार बनाने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी ओर से शिवसेना अपनी मुख्यमंत्री वाली मांग पर अड़ी हुई है और कई विकल्पों की बात कह रही है। महाराष्ट्र की इस सियासी ड्रामेबाजी पर अब दूसरी पार्टियां तंज कसने लगी हैं। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाजपा-शिवसेना पर तंज कसा है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘यह 50-50 क्या है, क्या यह नया बिस्किट है? आप 50-50 कितना करेंगे? महाराष्ट्र की जनता के लिए कुछ बचाओ। वे (भाजपा और शिवसेना) सतारा में हुई विनाशकारी बारिश से परेशान नहीं हैं। वे सभी 50-50 की बात करते हैं। यह किस तरह का 'सबका साथ, सबका विकास' है?’ ओवैसी ने यह तंज तब कसा जब शिवसेना सत्ता में 50-50 की हिस्सेदारी की मांग कर रही है।'
बता दें कि मुख्यमंत्री का पद चाह रही शिवसेना अपना रुख कभी कड़ा कर रही है तो कभी उसमें नरमी दिखा रही है जबकि उसकी सहयोगी भाजपा इंतजार करो की नीति अपना रही है। सहयोगी दलों भाजपा और शिवसेना ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में पर्याप्त बहुमत हासिल किया था लेकिन दोनों के बीच सत्ता बंटवारे को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हुई है। लेकिन, शिवसेना मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग पर अड़ी है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पार्टी की मांग उचित है और भाजपा से साथ सत्ता साझा करने का आधार जीती गई सीटों की संख्या नहीं, बल्कि चुनाव से पहले हुआ समझौता होना चाहिए। राउत ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘सरकार का गठन (चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना के बीच) पहले बनी सहमति के आधार पर होना चाहिए। यह इस आधार पर नहीं होना चाहिए कि सबसे बड़ा एकल दल कौन सा है।’’
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