तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहराया, दिनाकरन गुट के 19 विधायकों ने समर्थन वापस लिया
टी. टी. वी. दिनाकरण के विश्वासपात्र अन्नाद्रमुक विधायकों के एक समूह ने आज तमिलनाडु के राज्यपाल सी.एच. विद्यासागर राव से यहां भेंट कर...
चेन्नई: टी. टी. वी. दिनाकरण के विश्वासपात्र अन्नाद्रमुक विधायकों के एक समूह ने आज तमिलनाडु के राज्यपाल सी.एच. विद्यासागर राव से यहां भेंट कर मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को पद से हटाने की मांग की। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री उनका विश्वास खो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार में 19 विधायकों ने बगावत कर दिनाकरण के खेमे में शामिल होकर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा में एआईएडीएमके के 135 विधायक हैं। अब विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद 234 सदस्य वाली तमिलनाडु सरकार खतरे में है। इसके अलावा कुछ अन्य विधायक भी सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं।
गौरतलब है कि इस घटनाक्रम से एक दिन पहले सोमवार को पलानीस्वामी और ओ. पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़ों ने विलय कर लिया। इसके साथ ही पिछले 7 महीने से पार्टी में चल रहा गतिरोध खत्म हो गया और बागी खेमे के नेता को उपमुख्यमंत्री का पद दे दिया गया।
राज्यपाल से मिलने वाले समूह में शामिल एक विधायक ने पहचान गुप्त रखने का अनुरोध करते हुए कहा, हमारा मुख्यमंत्री में विश्वास नहीं है। इस सरकार के खिलाफ पहले भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके पनीरसेल्वम को उपमुख्यमंत्री का पद देने की क्या जरूरत है।
उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को हुए विश्वासमत के दिन पार्टी प्रमुख वी. के. शशिकला की ओर से अन्नाद्रमुक के 122 विधायकों ने पलानीस्वामी का समर्थन किया, जबकि पनीरसेल्वम ने सरकार के खिलाफ वोट दिया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को दोनों धड़ों के विलय से पहले सभी विधायकों के साथ परामर्श करना चाहिए था।
विधायक ने कहा, इसलिए हमने राज्यपाल को सूचित कर दिया है और कहा है कि मुख्यमंत्री को हटाया जाना चाहिए। पनीरसेल्वम पर निशाना साधते हुए विधायक ने आरोप लगाया कि उन्होंने सिर्फ पदों के लिए विलय को स्वीकार किया है। उन्होंने सवाल किया क्या यही उपमुख्यमंत्री का धर्म युद्ध है, जैसा कि उन्होंने पहले दावा किया था।