हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित
बीते 11 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद हंगामे के कारण उच्च सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल लगातार बाधित हो रहा है। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सभी राजनीतिक पार्टियों, सरकार और विपक्षी सदस्यों से अपील की कि वे कोई ऐसी व्यवस्था विकसित करें जिससे सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से चल सके।
नयी दिल्ली: राफेल, दिल्ली में सीलिंग और कावेरी मुद्दे पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बीते 11 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद हंगामे के कारण उच्च सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल लगातार बाधित हो रहा है। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सभी राजनीतिक पार्टियों, सरकार और विपक्षी सदस्यों से अपील की कि वे कोई ऐसी व्यवस्था विकसित करें जिससे सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से चल सके। उन्होंने सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लेकर आने और नारेबाजी करने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे गलत संदेश जा रहा है।
नायडू ने कहा कि सभी विषयों को चर्चा के लिए स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी, राफेल, कृषि, कावेरी, चक्रवाती तूफान से नुकसान सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए दिए गए सभी नोटिस पहली बार स्वीकार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भी सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि वह नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष तथा सदन में सभी दलों के नेताओं से अपील करते हैं कि वे मिलकर ऐसी व्यवस्था करें जिससे सदन सुचारू तरीके से चले और जनहित से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हो सके।
इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने संबंधी पत्र सभा पटल पर रखा। सभापति ने अन्य आवश्यक दस्तावेज और विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियों की रिपोर्टें भी पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदन में कांग्रेस के उप-नेता आनंद शर्मा को अपनी बात रखने की अनुमति दी। शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश की सुरक्षा से जुड़े राफेल विमान सौदे के मुद्दे पर चर्चा करना चाहती है।
आनंद शर्मा जब यह कह रहे थे तभी कांग्रेस के सदस्य राफेल के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग संबंधी तख्तियां लेकर नारे लगाने लगे। इसी दौरान अन्नाद्रमुक और ‘आप’ के सदस्य तख्तियां लेकर आसन के निकट आ गए। अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी मुद्दे पर और ‘आप’ के सदस्य सीलिंग के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार राफेल सहित हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कल नेता प्रतिपक्ष से मिला था। सरकार की पूरी इच्छा है कि हर मुद्दे पर चर्चा हो। लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा हैं।’’
हंगामे के बीच नायडू ने कहा कि उन्हें सुझाव दिया गया है कि सदन को सुचारू तरीके से चलाने की खातिर आसन के समक्ष आकर हंगामा करने वाले और हाथों में तख्तियां लेकर हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं कार्रवाई करूंगा तो पार्टी देखकर नहीं करूंगा। हर पार्टी के लोगों के खिलाफ करूंगा।’’
उन्होंने सदस्यों से एक बार फिर अपील की कि सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से चलने दी जाए।
बहरहाल, हंगामा थमते नहीं देखकर सभापति ने 11 बज कर करीब 20 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले उन्होंने सदन में सूचना दी कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य जोगेन चौधरी ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते उच्च सदन के वर्तमान सत्र से अवकाश के लिए अनुरोध किया है। सदस्यों के सहमति जताने पर सभापति ने चौधरी को 11 दिसंबर 2018 से आठ जनवरी 2019 तक अवकाश की अनुमति दे दी।