फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा EVM विवाद, इस नेता ने कहा- इजाजत मिली तो गड़बड़ी साबित कर दूंगा
लोकसभा चुनावों को खत्म हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन EVM से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों को खत्म हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले ही कई विपक्षी पार्टियां ईवीएम के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए भी EVM को लेकर आपत्ति जताने वाली पार्टियों पर निशाना साधा था। हालांकि पीएम मोदी के भाषण के एक दिन बाद इसे लेकर फिर से आपत्तियां सामने आई हैं।
'मौका मिला तो साबित कर दूंका ईवीएम की गड़बड़ी'
ताजा आपत्ति अभिनेता और डिंडीगुल (तमिलनाडु) से नाम तमिलर काची के उम्मीदवार (एनटीके) मंसूर अली खान की तरफ से आई है। खान ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि उन्हें ईवीएम में गड़बड़ी साबित करने के लिए एक मौका दें। उनका कहना है कि ईवीएम में गड़बड़ी करना संभव है और वह इसे साबित कर सकते हैं।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने खारिज की थी गड़बड़ी की बात
आपको बता दें कि EVM पर जब सवाल उठे थे तो पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा था कि इसमें छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है लेकिन चुनाव आयोग को विपक्ष और लोगों को समझाकर उसके बारे में संदेह को दूर करना चाहिए। कुरैशी ने कहा था, ‘EVM या VPAT प्रणाली में छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है। मशीन अलग आंकड़े नहीं दिखा सकती। प्रत्येक बार आप बटन दबाएंगे, उसमें एक ही आंकड़ा होगा। मैं आरोप समझ भी नहीं पा रहा। हालांकि, चुनाव आयोग को विपक्ष और लोगों को यह समझाना चाहिए कि प्रणाली पुख्ता है।'
राज्य सभा में इस मुद्दे पर जमकर बरसे थे मोदी
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईवीएम का विरोध करने वालों पर तकनीक विरोधी होने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सदन में कुछ लोग ईवीएम के बारे में बात करते रहे हैं। एक समय था जब हम संसद में हमारे सिर्फ दो सांसद थे। लोग हमारा मजाक उड़ाते थे, लेकिन हमने कठिन परिश्रम किया और लोगों का विश्वास जीता। हमने कोई बहाना नहीं बनाया। EVM से बहुत से चुनाव कराए गए, जिससे विभिन्न पार्टियो को कई राज्यों में सरकार चलाने का अवसर मिला। फिर आज ईवीएम पर सवाल क्यों?’