नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में जाने को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं और उनकी पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी द्वारा सवाल खड़े किए जाने के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा है कि प्रणब दा का फैसला निजी है और इस पर खूब वाद-विवाद भी हो सकता है, लेकिन उनके जाने पर नहीं बल्कि उनके कहे शब्दों का विश्लेषण होना चाहिए।
सिंघवी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रणब दा के फैसले पर बहुत वाद-विवाद हो सकता है और यह फैसला निजी है। मिसाल के तौर पर अगर मुझे बुलाया जाता तो मैं नहीं गया होता। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उनको नहीं जाना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक बात स्पष्ट है। अब वह जा चुके हैं और अब हमें उनके वहां जाने की बजाय उनके कहे शब्दों का विश्लेषण करने की जरूरत है।’’
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले के संबंध में उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कल सवाल उठाया था। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि 'मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी।' शर्मिष्ठा ने कल ट्वीट कर कहा था कि वह नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं संघ को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने' की सुविधा मुहैया करा रहे हैं।
मुखर्जी को संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस के कई नेता पूर्व राष्ट्रपति के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, रमेश चेन्नीथला और सी के जाफर शरीफ ने चिट्ठी लिखकर मुखर्जी से संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला बदलने की अपील की थी।
वैसे, कांग्रेस ने मुखर्जी के ‘नागपुर’ जाने के फैसले पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है।
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