नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक कल होगी जिसमें पार्टी के निर्णय करने वाले दूसरे सर्वोच्च निकाय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नए सदस्यों को निर्वाचित किए जाने की उम्मीद है।
पार्टी के संविधान के अनुसार हर तीन वर्ष पर पार्टी का पुनर्गठन किया जाना है। मौजूदा राष्ट्रीय कार्यकारिणी का समय इस महीने समाप्त हो रहा है। आप का गठन 26 नवंबर 2012 को किया गया था।
संस्थापक सदस्यों प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजीत झा और आनंद कुमार जिन्हें इस साल अप्रैल में निष्कासित किया गया था, की जगह नए सदस्य लेंगे।
उसी तरह, आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तमिलनाडु से सदस्य क्रिस्टीना सैमी, मयंक गांधी और सुभाष वारे ने भी निकाय से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रीय परिषद पार्टी के संस्थापक सदस्यों का निकाय है जबकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी पार्टी की निर्णय करने वाला पार्टी का दूसरा सर्वोच्च निकाय है। परिषद पार्टी द्वारा किए जाने वाले सभी फैसलों का अनुमोदन करती है।
पार्टी के संस्थापक सदस्य और बागी नेता शांति भूषण ने आरोप लगाया कि 40 से अधिक राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और करीब 90 लोगों को बैठक के बारे में सूचना नहीं दी गई है।
भूषण ने कहा कि कल होने वाली बैठक पूरी तरह अवैध है और दुर्भावना से पूरी तरह ग्रस्त है। हम आप की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हैं और पार्टी के संस्थापक सदस्य भी हैं। हम लंबे समय से पार्टी में नैतिकता और मूल्यों में गिरावट देख रहे हैं और पार्टी की गड़बडि़यों और अवैध गतिविधियों का सबूत है।
भूषण ने यह भी कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं से घृणित सलूक को रोकने के लिए राजनैतिक या कानूनी सभी तरह का रास्ता अपना सकते हैं और इस संबंध में चुनाव आयोग के पास भी जा सकते हैं।
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