लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी में बगावत और अनुशासन का दौर शुरू हो चुका है। ताजा मामला आम आदमी पार्टी की चांदनी चौकी की विधायक अलका लांबा से जुड़ा है। अलका लांबा को पार्टी से सवाल पूछना और नवीन पटनायक को पांचवे कार्यकाल की बधाई देना भारी पड़ गया है। आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों के व्हाट्सएप ग्रुप से अलका लांबा को बाहर कर दिया है। इससे खफा अलका ने ट्वीट कर कहा है कि उनका आप के साथ सफर 2020 तक खत्म हो जाएगा। बता दें कि 2020 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं।
लांबा का कहना है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवे कार्यकाल के लिये मिली जीत पर उन्हें बधाई देने की वजह से उन्हें वाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम आप नेतृत्व के लिये ठीक नहीं है। उन्होंने वाट्सएप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा किया है। और पूछा है कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अलका इससे पहले भी इस ग्रुप से बाहर निकाली जा चुकी हैं। बता दें कि आप विधायकों के इस ग्रुप में अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं।
अलका ने ट्वीट किया,
‘गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों? मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप (केजरीवाल) कह रहे हैं, कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो,बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते,बात करते,गलतियों और कमियों पर चर्चा करते,सुधार कर के आगे बढ़ते.'
इसके अलावा अलका ने टि्वटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है, जिस उन्होंने आम आदमी पार्टी के अंदर चल रही कलह का जिक्र किया है। इसके अलावा एक पोस्ट में अलका ने कहा है कि वे पार्टी नहीं छोड़ रही हैं। वे 2020 तक यानि दिल्ली विधानसभा चुनावों तक पद नहीं छोड़ेंगी। लेकिन उनका आप के साथ सफर 2020 तक खत्म हो जाएगा।
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