नए साल पर भारत में तमाम लोग मंदिरों में दर्शन और पूजन के लिए जाते हैं, जहां वे आने वाले वर्ष में खुशियों, सफलताओं और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इन मंदिरों में जम्मू के कटड़ा में स्थित वैष्णो देवी काफी प्रसिद्ध है। यहां वर्षभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नववर्ष पर यहां अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है। पिछले साल भगदड़ मची थी, जिसमें 14 लोगों की जान चली गई थी।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग रणनीति के तहत काम किया जाएगा
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराने के लिए पूरी व्यवस्था कर ली है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेस शिविर से कटड़ा और मुख्य भवन तक 6 सेक्टरों में बांटा है। हर सेक्टर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग रणनीति के तहत काम किया जाएगा। प्रशासन की रणनीति है कि जब भवन में भीड़ का दवाब बढ़ेगा तब जगह-जगह पर यात्रियों को रोका जाए, जिसके लिए स्थान भी तय कर लिए गए हैं। इसके साथ ही जिम्मेदारों को उनकी जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। यात्रा पर नजर बनाए रखने के लिए 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं। जिनकी मदद से पूरे यात्रा मार्ग पर नजर रखी जा सकेगी।
हादसे में चली गई थी 14 श्रद्धालुओं की जान
बता दें कि इस साल की शुरुआत में 31 दिसंबर और 1 जनवरी की मध्य रात्रि को मची भगदड़ में 14 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हुए थे। जिसके बाद अब फिर से वैसी स्थिति न आए उससे बचने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। इनमें आधार शिविर कटड़ा, बाणगंगा क्षेत्र, ताराकोट मार्ग, भैरव घाटी और मां वैष्णो देवी भवन क्षेत्र प्रमुख हैं। मनोकामना स्थल से निर्माणाधीन दुर्गा भवन तक हिस्से को भी एक सेक्टर बनाया गया है। प्रत्येक सेक्टर में श्राइन बोर्ड प्रशासन के डिप्टी सीईओ स्तर का अधिकारी तैनात रहेगा। जो अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले भक्तों पर नजर बनाए रखेंगे।
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