उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब समेत 5 राज्यों में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर सियासी पारा चढ़ गया है और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत को लेकर तंज कसते हुए कहा कि जैसी फसल बोते हैं वैसी ही काटनी पड़ती है। हरीश रावत का भविष्य बचा हो तो उसके लिए शुभकामनाएं। पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से अलग होने के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत की ‘‘नाराजगी’’ ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के लिए एक नयी मुसीबत खड़ी कर दी है। उधर, रावत के इस रुख को लेकर कई बार प्रयास किए जाने के बावजूद कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
कांग्रेस नेता हरीश रावत का संगठन पर असहयोग का आरोप, सियासी हलकों में मचा हड़कंप
अगले साल की शुरूआत में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को यह कहते हुए सियासी हलकों में हडकंप मचा दिया कि पार्टी संगठन उनके साथ कथित तौर पर असहयोग कर रहा है और उनका मन सब कुछ छोड़ने को कर रहा है। प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने ट्वीट किया, ‘‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं और जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत, अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है।’’ हांलांकि, रावत ने कहा, ‘‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है कि "न दैन्यं न पलायनम्" । बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले ही पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से नाता तोड़कर अपनी अलग पार्टी बना ली है। कैप्टन के जाने से पंजाब में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। अगर हरीश रावत इस्तीफा दे देंगे तो इससे चुनाव में पार्टी कमजोर पड़ सकती है, क्योंकि उत्तराखंड में हरीश रावत कांग्रेस के बड़े चेहरे माने जाते हैं। साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें चुनाव कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया है। अगर हरीश रावत पार्टी छोड़ते हैं तो कांग्रेस को उत्तराखंड में नया चेहरा खोजना पड़ेगा।
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