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Hindi News भारत राष्ट्रीय Year Ender 2023: ये हैं इस साल के वो ऐतिहासिक फैसले, जिन्होंने खींचा हर किसी का ध्यान

Year Ender 2023: ये हैं इस साल के वो ऐतिहासिक फैसले, जिन्होंने खींचा हर किसी का ध्यान

वैसे तो पूरे साल सुप्रीम कोर्ट में कई मुद्दे पहुंचे और कई मुद्दों पर अहम फैसले भी आए, लेकिन हम यहां उनमें 5 अहम फैसलों की बात करेंगे जिन्होंने हर किसी को न्याय पर ना सिर्फ भरोसा करने के लिए प्रेरित किया बल्कि सुरक्षा का भाव भी जगाए रखा।

सुप्रीम कोर्ट- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट

किसी भी देश का कोर्ट वहां की न्याय व्यवस्था के लिए बहुत अहम माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट भारत का सर्वोच्च न्यायालय है और इसका मुख्य कार्य कानून का पालन सुनिश्चित करना है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2023 में अपने फैसलों से इस दिशा में कई अहम कदम भी उठाए हैं। इस साल भी देश की शीर्ष अदालत ने कई बड़े फैसले लिए। वैसे तो पूरे साल सुप्रीम कोर्ट में कई मुद्दे पहुंचे और कई मुद्दों पर अहम फैसले भी आए, लेकिन हम यहां उनमें 5 अहम फैसलों की बात करेंगे जिन्होंने हर किसी को न्याय पर ना सिर्फ भरोसा करने के लिए प्रेरित किया बल्कि सुरक्षा का भाव भी जगाए रखा। अब जबकि साल 2023 समाप्ति की ओर है तो ऐसे में आइए जानते है कि इस साल सुप्रीम कोर्ट के कौन से ऐसे 5 बड़े फैसले आए जिन पर खूब चर्चा हुई है-

Image Source : file photoतलाक

1. तलाक को लेकर फैसला

कोर्ट ने अपने फैसले में बताया कि आपसी सहमति से तलाक के लिए 6 महीने का वेटिंग पीरियड जरूरी नहीं होगा।  कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां पति पत्नी के साथ रह पाने की कोई संभावना न बची हो, वहां वो आर्टिकल 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अपनी ओर से भी तलाक दे सकता है। ऐसे मामलों में जहां पति पत्नी दोनों ही तलाक के लिए सहमत है या फिर भले ही दोनों में से एक जीवनसाथी तलाक के लिए सहमति नहीं दे रहा तो भी सुप्रीम कोर्ट तलाक का आदेश दे सकता है। इस फैसले का मतलब साफ था कि तलाक के लिए 6 महीने का इंतजार अनिवार्य नहीं होगा।

Image Source : india tvधारा 370 हटाने पर फैसला

2. धारा 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय को वैध करार देना, सुप्रीम कोर्ट के 2023 के अहम फैसलों में से एक फैसला है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने वर्डिक्ट में कहा कि जम्मू कश्मीर के पास भारत में विलय के बाद आंतरिक संप्रभुता का अधिकार नहीं है। अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने और 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के लिए कहा है।

Image Source : file photoसमलैंगिक विवाह

3. समलैंगिक जोड़े की शादी पर फैसला

17 अक्टूबर को कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों की शादी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने ऐसे जोड़ों को कानूनी वैधता देने से इनकार कर दिया। ये फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने दिया। पीठ ने 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने इस दौरान साफ कहा कि समलैंगिक शादी पर कानून बनाने का हक केवल संसद का है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इस फैसले को पढ़ा था।

Image Source : file photoगौतम अडानी

4. अडानी-हिंडनबर्ग मामले में कमेटी का गठन

अडानी-हिंडनबर्ग मामले ने पूरे देश में सुर्खियां बंटोरीं। सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से उठे सवाल पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता में 6 सदस्य शामिल थे। शीर्ष अदालत ने तब सेबी से 2 महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट उस समय हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित एक समिति का गठन भी शामिल था।

Image Source : file photoनोटबंदी

5. नोटबंदी के फैसले पर शीर्ष अदालत

2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के निर्णय की वैधता को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में अपना फैसला सुनाया। खास बात यह है कि कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को ही बरकरार रखा। इस संबंध में दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

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