Yasin Malik News: अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को चार दिन यहां के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती रहने के बाद छुट्टी दे दी गई और वह तिहाड़ जेल लौट आया है। महानिदेशक (कारागार) संदीप गोयल ने बताया कि मलिक शुक्रवार को तिहाड़ वापस लाया गया। अपने सेल में लौटने के बाद मलिक ने अपनी भूख हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है और अभी भी खाना नहीं खा रहा है। जेल में बंद अलगाववादी नेता, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल की जेल नंबर 7 में बंद है, 22 जुलाई को भूख हड़ताल पर चला गया था। मलिक की 26 जुलाई को जारी भूख हड़ताल के बाद तबीयत बिगड़ने के बाद जेल अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। जब उनसे भूख हड़ताल का कारण पूछा गया तो अधिकारी ने कुछ भी बताने से परहेज किया। हालांकि, जेल सूत्रों ने कहा कि कश्मीरी अलगाववादी उन एजेंसियों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं जो उनके मामलों की जांच कर रही हैं।
पाकिस्तान ने जताई थी आपत्ति, भारतीय उपराजदूत को किया था तलब
गौरतलब है कि तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक की बिगड़ती सेहत पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई। इसके लिए उसने भारतीय उप राजदूत को तलब किया था।गौरतलब है कि यासीन जो कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है, वह जम्मू कश्मीर में वर्ष 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक था। मई 2022 में उस पर आपराधिक षड़यंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलें में उसे दोषी पाया गया। इस मामले में वो उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसने अपने पर लगे ज्यादातर आरोपों को मान लिया था। यासीन ने कोर्ट में ये कहा था कि वह आतंकियों के लिए धन जुटाने, आतंकी गतिविधि, आतंकी साजिश रचने, आतंकी समूह का सदस्य बनने आपराधिक साजिश और देशद्रोह के आरोपों को चुनौती नहीं देगा।
यासीन पर लगे हैं कई गंभीर आरोप
यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानो की हत्या के आरोप लगे हैं। एयरफोर्स के जवानों पर यह हमला 25 जनवरी 1990 को हुआ था। तब ये जवान श्रीनगर में एयरपोर्ट के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। इस हमले में 4 शहीद हुए थे और 40 के करीब लोग घायल हो गए थे।
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