Yasin Malik News: दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठ गया है। आतंकी यासीन मलिक का कहना है कि जो उसका मामला विचाराधीन चल रहा है, उसकी सही तरह से जांच नहीं की जा रही है। इसलिए वह भूख हड़ताल पर है। जेल के आला अधिकारी भी यासीन मलिक से बात करने पहुंचे, लेकिन उसने भूख हड़ताल छोड़ने से मना कर दिया। उसे समझाने की कोशिश जारी है। यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है। मई 2022 में उसे आपराधिक षड़यंत्र रचने और ‘राज्य‘ के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में दोषी ठहराया गया है। इस मामले में अभी वो जेल की सजा काट रहा है।
यासीन मलिक शुक्रवार सुबह से ही भूख हड़ताल पर बैठा हुआ है। वो ये कह रहा है कि उसके खिलाफ जो विचाराधीन मामला चल रहा है। उसकी जांच सही तरह से नहीं की जा रही है। इसलिए उसने शुक्रवार सुबह से ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
नहीं मानी अधिकारियों की बात
जेल में कई अधिकारी यासीन मलिक को भूख हड़ताल न करने के लिए मनाते रहे। उसे भूख हड़ताल छोड़ने के लिए कहा लेकिन वो अपनी कोशिशों में नाकामयाब रहे। उन्होंने यासीन मलिक से इस मामले में बातचीत की। लेकिन उसने भूख हड़ताल छोड़ने से साफ मना कर दिया। इस समय यासीन दिल्ली की तिहाड़ जेल के कारागार संख्या 7 में बंद है।
बता दें कि यासीन जो कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है, वह जम्मू कश्मीर में वर्ष 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक था। मई 2022 में उस पर आपराधिक षड़यंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलें में उसे दोषी पाया गया। इस मामले में वो उम्रकैद की सजा काट रहा है।
उसने अपने पर लगे ज्यादातर आरोपों को मान लिया था। यासीन ने कोर्ट में ये कहा था कि वह आतंकियों के लिए धन जुटाने, आतंकी गतिविधि, आतंकी साजिश रचने, आतंकी समूह का सदस्य बनने आपराधिक साजिश और देशद्रोह के आरोपों को चुनौती नहीं देगा।
यासीन पर लगे हैं कई गंभीर आरोप
यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानो की हत्या के आरोप लगे हैं। एयरफोर्स के जवानों पर यह हमला 25 जनवरी 1990 को हुआ था। तब ये जवान श्रीनगर में एयरपोर्ट के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। इस हमले में 4 शहीद हुए थे और 40 के करीब लोग घायल हो गए थे।
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