Yakub Memon: आतंकी याकूब मेमन की कब्र पर सजावट को लेकर एक और खुलासा हुआ, जानिए क्या है सच
Yakub Memon: आतंकी याकूब मेमन की कब्र को सजाने को लेकर बड़ा कब्रिस्तान ट्रस्ट को अर्जी दी गई थी। जिसे लेकर बाद में कब्रिस्तान ने नो ऑब्जेक्शन लेटर भी दे दिया था।
Highlights
- हर मैने रऊफ मेमन का बेटा इमरान भरता था कब्र के लाइट का बिल
- मस्जिद और ट्रस्ट के नाम पर आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप
- रऊफ मेमन ट्रस्ट से जुड़ा नही था, फिर भी पैसे की लेन-देन में था शामिल
Yakub Memon: मुंबई 1993 के बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की कब्र सजाए लाने को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आरोप है कि रऊफ मेमन के कहने पर याकूब की कब्र को सजाया गया है जिसके सबूत बड़ा कब्रिस्तान के पूर्व ट्रस्टी एडवोकेट जलील नौरंगे ने पेश किया है और मुंबई पुलिस कमिश्नर से भी जांच की मांग की है। दरअसल जब आतंकी के कब्र को मजार बनाने की बात सामने आई तब जुमा मस्जिद ट्रस्ट के चेयरमैन शोएब खातिब ने कहा कि याकूब मेमन की कब्र को सिर्फ खासतौर पर सजाया नहीं गया है बल्कि बड़ी रात के दौरान पूरे कब्रिस्तान की सभी कब्रों पर लाइटिंग की गई थी।
कब्रिस्तान के पूर्व ट्रस्टी जाझिल नौरंगे ने दिखाया कब्र की लाइटिंग का बिल
ऐसे में बड़ा कब्रिस्तान के पूर्व ट्रस्टी जाझिल नौरंगे ने उस आवेदन की कॉपी दिखाते हुए ट्रस्ट पर आरोप लगाया कि शोएब खातिब की ओर से झूठ कहा गया बल्कि खुद बड़ा कब्रिस्तान ट्रस्ट ने ही याकूब मेमन के चचेरे भाई रऊफ मेमन को इजाजत दी थी की वो बकायदा मीटर भी लगवाकर लाइट से सजाए। जिसकी कॉपी नौरंगे ने इंडिया टीवी को भी दिखाई, जिसमे साफ तौर पर 10 जुलाई 2021 को इमरान ओबेरॉय के नाम से अर्जी दी गई जिसे कब्रिस्तान ने स्वीकार कर नो ऑब्जेक्शन लेटर भी दे दिया।
कब्र को सजाने के लिए रउफ 'मेमन' से बन जाता था 'ओबरॉय'
दिलचस्प बात यह है की खुद को बिजनेसमैन बताने वाला आतंकी याकूब मेमन का भाई जब इस कब्र को सजाने के लिए याचिका देता है तब वो अपना नाम बदलकर रऊफ मेमन से रऊफ ओबेरॉय कर लेता है बावजूद इसके ट्रस्ट को इस पर कोई आपत्ति नहीं होती है। ट्रस्ट और कब्रिस्तान के झूठ का पता तब भी चलता है जब यह बात सामने आती है कि लाइटिंग कुछ महीने पहले नही बल्कि एक साल पहले की थी, जिसकी बिजली का बिल रऊफ का बेटा इमरान ओबेरॉय के नाम से भरता था।
आतंक के पैसों को मस्जिद और ट्रस्ट के नाम पर किया जा रहा सफेद
एडवोकेट जझील ने एक और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ना सिर्फ याकूब मेमन की कब्र को मजार बनाने की कोशिश की गई बल्कि कब्रिस्तान के मामूली कर्मी जिसकी तनख्वा महीने की 15 हजार रुपए है। उसके अकाउंट में लाखों रुपए इस लाइट को लगाने के बाद भेजा जाने लगा। जझिल बताते है कि उन्हें शक है कि आतंकवाद के पैसे को मस्जिद और ट्रस्ट के नाम पर सफेद किया जा रहा है जिसकी जांच होनी चाहिए।
रउफ और टाइगर मेमन के कहने पर ही याकूब की कब्र को सजाया गया
आपको बता दें की एडवोकेट जझील नौरंगे वह व्यक्ति हैं जिन्हे 2019 में रउफ मेमन द्वारा धमकाया गया था। रउफ मेमन टाईगर मेमन और याकूब मेमन का चचेरा भाई हैं। नौरंगे ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने कब्र सजाने की बात नहीं मानी तो उसने कहा कि टाइगर मेमन खुद तुम्हें कॉल करके तुमसे बात करेगा। बड़ा कब्रिस्तान के पूर्व ट्रस्टी ने आरोप लगाया था कि धमकी देने वाले ने यह भी कहा था कि याकूब की कब्र को ब्यूटीफिकेशन करने की इजाजत दी जाए। अब पता चला है कि धमकी देने वाला शख्स कोई और नहीं याकूब का चचेरा भाई ही है। आरोप है कि रऊफ और टाइगर मेमन के कहने पर ही याकूब मेमन की कब्र को सजाया गया है।
धमकी देने वाला शख्स कोई और नहीं रउफ टाइगर मेमन ही है
बताया ये भी जा रहा है कि कब्रिस्तान के एक अन्य ट्रस्टी ने भी याकूब की कब्र के सौंदर्यीकरण पर आपत्ति जाहिर की थी। दोनों का आपत्तिकर्ता का आरोप है कि बात नहीं मानने पर उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। उन्होंने बड़ा कब्रिस्तान में हो रही धांधली को लेकर वक्फ बोर्ड में शिकायत भी दी थी। धमकी देने वाले शख्स ने खुद को याकूब मेमन के परिवार का ही सदस्य बताया था। अब खुलासा हो गया है कि वह मेमन सदस्य कौन है। कब्र सजाने को लेकर धमकाने वाला कोई और नहीं याकूब मेमन का चचेरा भाई रऊफ टाइगर मेमन है।