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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'व्यास जी के तहखाने में पूजा पर लगाई जाए रोक...' हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

'व्यास जी के तहखाने में पूजा पर लगाई जाए रोक...' हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

मुस्लिम पक्ष के अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी तहखाने में पूजा में रोक लगाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करने वाला है।

सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO-PTI सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा पर रोक लगाने के मामले में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करेगा। मुस्लिम पक्ष के अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया था इंकार

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस जारी किया था। 

जिला अदालत ने दी थी इजाजत

वाराणसी की जिला अदालत ने व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक से इनकार कर दिया था।

कमेटी ने इसलिए सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

इसके बाद अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से व्यास जी के तहखाने में पूजा पर रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 13 जुलाई को सुनवाई करने वाला है।

इसी मामले में अप्रैल 2024 में भी हुई थी सुनवाई

बता दें कि अप्रैल, 2024 में इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में पूजा जारी है। वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति प्रदान की थी। इसके खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक से इनकार कर दिया था। इस मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट सुनवाई होनी है।

 

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