World Press Freedom Index: सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि वह वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इन्डेक्स में Reporters Without Borders द्वारा बताए गए रिपोर्ट से सहमत नहीं है। इस रिपोर्ट में 180 देशों की सूची में भारत को 150वां स्थान दिया गया है। इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में एक सवाल पर लिखित जवाब दिया है। राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सवाल पूछा था।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने पूछे सवाल
अनुराग ठाकुर ने राज्य सभा में बताया कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इन्डेक्स में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा बताए गए रिपोर्ट से सहमत नहीं होने के कई कारण हैं। उन्होंने बताया कि इनमें बेहद छोटे नमूने लिया जाना, लोकतंत्र के मूलभूत तत्वों को बहुत ही कम महत्व दिया जाना या बिल्कुल महत्व न दिया जाना आदि शामिल हैं। ठाकुर के मुताबिक, कंक्लूजन जिस प्रोसेस से निकाला गया है वह प्रोसेस ट्रांसपेरेंट नहीं है और उस पर सवाल भी उठते हैं। ठाकुर से वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इन्डेक्स की रिपोर्ट के बारे में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने अलग अलग सवाल पूछे थे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आगे कहा कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ठाकुर ने कहा कि Press Council of India (PCI) की स्थापना प्रेस कांउसिल एक्ट-1978 के तहत मुख्य रूप से प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखने और देश में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों में सुधार के लिए की गई है।
पत्रकारों पर हमलों को लेकर अलग से आंकड़े नहीं रखता NCRB
उन्होंने कहा कि PCI प्रेस की स्वतंत्रता में कमी किए जाने के संबंध में प्रेस द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों को देखती है। ठाकुर ने कहा कि PCI को प्रेस की स्वतंत्रता और उसके उच्च मानकों की सुरक्षा से संबंधित अहम मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लेने का भी अधिकार है। पत्रकारों की गिरफ्तारी के बारे में खड़गे के सवाल के जवाब में, मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) पत्रकारों पर हमलों के बारे में अलग से आंकड़े नहीं रखता।
मई में जारी हुई थी रिपोर्ट
बता दें, मई में जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इन्डेक्स के मुताबिक, 180 देशों की सूची में भारत की रैंकिंग पिछले साल के 142वें स्थान से गिरकर 150वें स्थान पर आ गई। रिपोर्ट में पाकिस्तान का नंबर भारत से पीछे है। प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें, चीन 175वें नंबर और म्यांमार 176वें स्थान पर है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के मुताबिक, इस साल नार्वे पहले नंबर पर जबकि डेनमार्क दूसरे, स्वीडन तीसरे, एस्टोनिया चौथे और फिनलैंड 5वें नंबर पर है। इस लिस्ट में सबसे आखिरी नंबर उत्तर कोरिया का है। उत्तर कोरिया 180वें स्थान पर है। चीन इस बार दो पायदान ऊपर है। चीन पिछले साल 177वें स्थान पर था। प्रेस की आजादी के मामले में रूस 155वीं रैंक पर है। वहीं, पिछले साल रूस 150वें नंबर पर था।
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