सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ रही सरकारी बस के ड्राइवर को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ गया और वह ड्राइविंग सीट से गिर पड़ा। बस अनियंत्रित हो गई। कोई हादसा होता इससे पहले बस में यात्रा कर रही एक महिला ने गजब का साहस दिखाकर 24 यात्रियों की जान बचा ली। महिला ने फुर्ती दिखाते हुए बस की स्टेयरिंग संभाली और उसे चलाते हुए बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया।
बहादुरी का यह कारनामा पुणे की रहने वाली योगिता धर्मेंद्र सातव ने किया है। 42 साल की योगिता ने न सिर्फ बस को 10 किलोमीटर चलाकर उसमें सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाया, बल्कि बस के ड्राइवर को इलाज के लिए एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया। योगिता ने इसके बाद बताया कि मुझे कार चलानी आती है इसलिए मैंने बस चलाने का फैसला किया था। पहला काम मेरे लिए चालक को इलाज उपलब्ध कराना था। इसलिए मैं बस चलाकर पास के एक अस्पताल ले गई।'
पुणे के वाघोली की 23 महिलाओं का ग्रुप 7 जनवरी को शिरूर तालुका के मोराची चिंचोली में घूमने के लिए गया था। तभी अचानक यह घटना हुई। इसी दौरान ड्राइवर को मिर्गी का दौरा आया और वह गिर पड़ा। बस में सवाल महिलाओं और उनके साथ मौजूद बच्चों ने डरकर चीखना और रोना शुरू कर दिया। तभी योगिता ने बस का स्टेयरिंग संभाल लिया और उसे चलाते हुए अगले गांव तक लेकर आईं।
योगिता को इससे पहले बस चलाने का ऐसा कोई अनुभव नहीं था। लेकिन वह अक्सर कार ड्राइव करती थीं तो उन्होंने बस को भी बहुत आसानी से ड्राइव कर लिया। योगिता ने लगातार 10 किलोमीटर तक बस चलाई। ये देखकर सवारियां भी हैरान रह गई थीं। जानकारी के मुताबिक, ड्राइवर का इलाज किया जा रहा है और अभी उसकी हालत भी सुधर रही है।
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