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Hindi News भारत राष्ट्रीय India TV Poll: क्या उत्तर प्रदेश का नया 'लव जिहाद' बिल जबरन धर्म परिवर्तन रोकने में कामयाब होगा?

India TV Poll: क्या उत्तर प्रदेश का नया 'लव जिहाद' बिल जबरन धर्म परिवर्तन रोकने में कामयाब होगा?

इंडिया टीवी के पोल में हमने लोगों से पूछा था कि क्या योगी आदित्यनाथ की सरकार का नया ‘लव जिहाद’ बिल जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने में कामयाब होगा।

Love Jihad, Love Jihad Bill, Love Jihad Bill Uttar Pradesh- India TV Hindi Image Source : PTI उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक नया बिल लाई है।

छल-कपट या या जबर्दस्ती धर्मांतरण के मामलों में उम्रकैद के प्रावधान वाला उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश विधानसभा से पारित हो गया। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ‘लव जिहाद’ बिल को जबरन धर्मांतरण पर नकेल कसने के लिए लाई है। हमने इंडिया टीवी पोल में जनता से सवाल पूछा कि क्या यह बिल जबरन धर्मांतरण को रोक पाने में कामयाब होगा, जिस पर जनता ने बड़ी संख्या में अपनी राय रखी। अधिकांश जनता का मानना था कि बिल इतना कठोर है कि इससे जरूर जबरन धर्मांतरण पर लगाम लगेगी।

क्या कहा जनता ने?

हमने इंडिया टीवी पोल में सवाल पूछा था कि ‘क्या उत्तर प्रदेश का नया 'लव जिहाद' बिल जबरन धर्म परिवर्तन रोकने में कामयाब होगा?’ इसके लिए जनता के सामने 3 विकल्प ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ थे। जनता ने इस मुद्दे पर जमकर मतदान किया और कुल 12417 में से 85 फीसदी लोगों ने ‘हां’ में जवाब में दिया। वहीं, 10 फीसदी लोगों का यह मानना था कि  नया 'लव जिहाद' बिल जबरन धर्म परिवर्तन रोकने में कामयाब नहीं होगा। इसके अलावा 5 फीसदी लोग ऐसे भी थे जो इस मुद्दे पर कुछ कहने की हालत में नहीं थे। 

Image Source : India TVज्यादातर लोगों का मानना है कि इस बिल के बाद जबरन धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी।

क्या है इस कानून में?

इस संशोधित अधिनियम में छल-कपट या जबर्दस्‍ती कराये गये धर्मांतरण के मामलों में कानून को पहले से सख्त बनाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। संशोधित विधेयक में किसी महिला को धोखे से जाल में फंसाकर उसका धर्मांतरण करने, उससे अवैध तरीके से विवाह करने और उसका उत्पीड़न करने के दोषियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले इसमें अधिकतम 10 साल की कैद का प्रावधान था। इसमें 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

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