गुवाहाटी: असम की सरकार पिछले कुछ महीनों से मदरसों पर अपने एक्शन को लेकर लगातार चर्चा में रही है। मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व में सूबे की सरकार ने मदरसों पर कई ऐक्शन लिए हैं, जिनमें कथित तौर पर आतंकियों से रिश्ता निकलने पर उन्हें ढहाया जाना भी शामिल है। इस बीच असम के पुलिस महानिदेशक (DGP) ज्योति महंत ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने ‘कट्टरपंथ’ के खतरे को कम करने के लिए छोटे मदरसों को बड़े मदरसों में शामिल करने का फैसला किया है।
‘मदरसों पर मुस्लिम तंजीमों और पुलिस की नजर’
DGP ने बताया कि राज्य के ऐसे सभी शिक्षण संस्थानों का डेटाबेस तैयार करने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि असम में मुसलमानों की अच्छी-खासी आबादी है और यह ‘कट्टरपंथ को बढ़ावा देने’ के लिए स्वाभाविक तौर पर निशाने पर है। सूबे के पुलिस चीफ ने कहा कि कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां आमतौर पर छोटे मदरसों में की जाती हैं। DGP ने कहा कि आने वाले दिनों में मदरसे साफ-सुथरे तरीके से चलने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम तंजीमों के साथ पुलिस भी मदरसों पर नजर बनाए हुए है।
‘पिछले साल 53 संदिग्ध आतंकी हुए गिरफ्तार’
DGP महंत ने कहा कि राज्य पुलिस ने आतंकवादी संगठन-अंसारुल बांग्ला टीम (ABT) और अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के 9 मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल पुलिस ने 53 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम नेताओं ने ही इन गतिविधियों की जांच के लिए अधिकारियों से संपर्क किया था और समुदाय के 68 नेताओं के साथ बैठक में मदरसों में शैक्षिक सुधार लाने पर सहमति बनी थी।
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