तिरुपति बालाजी मंदिर में क्यों दान किए जाते हैं बाल? चढ़ाए गए इन बालों का आखिर क्या होता है
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु हर साल सैकड़ों टन बाल दान करते हैं। यहां के मंदिर में बाल दान करने के पीछे क्या मान्यता है और दान किए गए इन बालों का क्या किया जाता है? आइये जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब...
Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर इन दिनों काफी विवाद चल रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया था। उन्होंने पूर्व की सरकार पर मामले में कार्रवाई की बात भी कही थी। वहीं लैब रिपोर्ट में भी मिलालट की पुष्टि हुई थी। बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया भर के अमीर और प्रतिष्ठित धार्मिक स्थानों के रूप में जाना जाता है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और चढ़ावा भी देते हैं।
बाल दान करने के पीछे क्या मान्यताएं हैं
तिरुपति बालाजी मंदिर में जाने वाले श्रद्धालु अपने बाल भी दान करते हैं। कहा जाता है कि मनुष्य के बाल उन्हें बहुत ही प्रिय होते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति तिरुपति बालाजी को अपने बाल दान करता है तो श्री वेंकटेश्वर उसे उतना ही धनी बना देते हैं। एक मान्यता यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति तिरुपति बालाजी मंदिर जाकर अपने बाल दान करता है तो उसके जीवन से सभी तरह की बुराइयां और नकारात्मकता दूर हो जाती है। इसके अलावा बाल दान करने से उस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।
दान किए गए बालों का क्या किया जाता है
आंकड़ों की मानें तो तिरुपति बालाजी मंदिर में दान किए जाने वाले बालों को करोड़ों में निलामी होती है। दान के बाद बालों को अलग-अलग श्रेणी में रखा जाता है और इसी के अनुसार उनके दाम भी तय होते हैं। हर साल तिरुपति बालाजी में श्रद्धालु कई टन बाल दान करते हैं, जिसकी निलामी से मंदिर ट्रस्ट को करोड़ों की कमाई होती है। साल 2018 में ही अलग-अलग श्रेणियों के लगभग 1,87,000 किलोग्राम बाल बेचे गए थे, जिससे कुल 1.35 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
कैसे तय होते हैं बालों के दाम
निलामी से पहले बालों को पांच तरह की श्रेणियों में रखा जाता है। बालों को उनकी लंबाई के हिसाब से अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है। साल 2018 में सबसे उच्च क्वालिटी के बालों को 22,494 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया। इससे निचली किस्म के यानी नंबर 2 श्रेणी के बालों को 17,223 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया। तीसरी श्रेणी के बालों को 2833 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया। नंबर चार श्रेणी के बालों को 1195 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से जबकि पांचवीं श्रेणी के बालों को 24 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया। इसके अलावा सफेद बाल भी 5462 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिके।
निलामी से पहले बालों को साफ करने की प्रक्रिया
तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु करीब 500 से 600 टन बाल दान करते हैं। इन बालों की निलामी की जाती है। निलामी से पहले बालों को अच्छे से साफ किया जाता है। इसके लिए पहले बालों को उबाला जाता है, फिर उन्हें धोकर सुखाया जाता है। बाल जब सूख जाते हैं तो उन्हें रखने के लिए बड़ी-बड़ी गोदामों में भेज दिया जाता है। लंबाई के आधार पर बालों की निलामी की जाती है। आम तौर पर इसमें 5 इंच से 31 इंच तक के बाल शामिल किए जाते हैं। बालों की निलामी से मिलने वाली राशि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) के पास होती है।
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