सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) को सोशल मीडिया ने घर-घर पहुंचा दिया है। उनकी बातें इतनी साफ और सटीक होती हैं कि वह आपके मन में घर कर जाती हैं। सद्गुरु के छोटे-छोटे वीडियो संदेश पूरी दुनिया में देखा-सुना जाता है। ज्यादातर लोग इन्हें रील्स के माध्यम से शेयर करते हैं। हालांकि, बहुत से ऐसे लोग हैं जो सद्गुरु के बारे में सिर्फ यहीं तक जानते हैं कि वो एक योगी हैं और ईशा फांउडेशन के संस्थापक हैं। हालांकि, सद्गुरु सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं, वह एक योगी के साथ-साथ कमाल के लेखक और कवि भी हैं। उन्होंने 8 भाषाओं में लगभग 100 से ज्यादा किताबों की रचना की है।
कौन हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव
सद्गुरु जग्गी वासुदेव का जन्म 5 सितंबर 1957 को कर्नाटक राज्य में हुआ। यहां के मैसूर शहर में ही इनका पूरा बचपन बीता। लोग बताते हैं कि सद्गुरु बचपन से ही प्रकृति के प्रेमी थे। उन्हें पेड़ों, जंगलों, पहाड़ों से बहुत प्रेम था। कई-कई बार तो कई दिनों के लिए घर से गायब हो जाते थे और जंगलों में अकेले समय व्यतीत करते थे।
11 साल की उम्र में योग
सद्गुरु के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने योग की साधना महज़ 11 साल की उम्र से ही शुरू कर दी थी। सद्गुरु को योग की शिक्षा श्री राघवेन्द्र राव से मिली है। कहते हैं कि जब वह 25 वर्ष के थे तब से ही उन्होंने अपने जीवन के सुखों को त्याग दिया था और चामुंडी पर्वत की चढ़ाई शुरू कर दी थी। वहीं से उन्होंने आध्यात्मिक जीवन की शुरूआत की।
ट्विटर पर क्यों ट्रेंड कर रहे हैं जग्गी वासुदेव
सद्गुरु जग्गी वासुदेव इस वक्त ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। हालांकि, इसके पीछे कोई खास वजह नहीं है। उनके अनुयायी ट्विटर पर उन्हें टैग करके पोस्ट कर रहे हैं, जिसकी वजह से वो ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव एक कमाल के योगी हैं, उनकी पकड़ योग के साथ-साथ भाषा पर भी कमाल की है।
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