कौन है ठग किरन भाई पटेल जिसका जेड प्लस सुरक्षा वाला वीडियो वायरल हुआ था, जानें यहां
हर बार उसने खुद को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान) के रूप में पेश किया।
नयी दिल्ली: पीएमओ का अधिकारी बनकर बुलेट फ्रूफ कार समेत कड़े सुरक्षा घेरे और अन्य अतिथि सेवाओं का आनंद उठाने वाले किरन पटेल के करतूतों का खुलासा होने लगा है। इस ठग को तीन मार्च को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। गुजरात के कथित ठग की कहानी इस महीने की शुरुआत में तब सामने आई, जब उसने तीसरी बार कश्मीर का दौरा किया। इस दौरान हर बार उसने खुद को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान) के रूप में पेश किया। पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ अहमदाबाद और वडोदरा के थानों में धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और विश्वासघात करने सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत 2017 में तीन मामले दर्ज किये हैं।
एमटेक और एमबीए की डिग्री
किरन पटेल गुजरात का रहने वाला है और ट्विटर पर उसके बायोडाटा के मुताबिक उसने उसने कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी, वर्जीनिया, यूएसए से पीएचडी की है। उसने आईआईएम त्रिची से एमबीए किया। उसके पास एम टेक (कंप्यूटर साइंस) और बीई कंप्यूटर (एलडी इंजीनियरिंग) की डिग्री भी है। उसने खुद को 'विचारक, रणनीतिकार, विश्लेषक और कैंपन मैनजेर' बताया है। सबसे ज्यादा अचंभित करनेवाली बात ये है कि उसका ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड है।
गुलमर्ग के बर्फीले इलाकों का सर्वेक्षण करते हुए वीडियो वायरल
पटेल का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हो रहा है, जिसमें उसे गुलमर्ग के बर्फीले इलाकों का सर्वेक्षण करते हुए उसे चारों ओर सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों से घिरे हुए व उसके साथ शहर से गुजरते वाहनों के काफिले को देखा जा सकता है। उसने उत्तरी कश्मीर के उरी में अंतिम चौकी का भी दौरा किया था और भारत तथा पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा माने जाने वाले पुल पर तस्वीरें भी खिंचाई थी।
दस फर्जी विजिटिंग कार्ड और दो मोबाइल जब्त
पुलिस ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) शाखा ने दो मार्च को श्रीनगर के होटल ललित ग्रैंड में चेक-इन करने वाले एक अधिकारी के बारे में जानकारी दी थी। इसका विस्तृत ब्योरा देते हुए बयान में कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश बलवाल ने होटल में एक टीम भेजी और फर्जी अधिकारी की पहचान अहमदाबाद निवासी जुदेश भाई पटेल के पुत्र किरन भाई पटेल के रूप में हुई। पुलिस ने कहा कि फर्जी नौकरशाह से पूछताछ की गई, लेकिन उसके जवाब संदिग्ध पाए गए और उसे पास के निशात पुलिस थाने ले जाया गया, जहां उसने कबूलनामा किया। उसके पास से दस फर्जी विजिटिंग कार्ड और दो मोबाइल जब्त किये गये।
जम्मू-कश्मीर के नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं
पुलिस के अनुसार, पटेल ने जम्मू-कश्मीर के नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं और उन्हें सेब उत्पादन बढ़ाने और युवाओं को राष्ट्रीय निर्माण में शामिल करने के सपने बेचे तथा बागवानी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार आयोजित किए। उस पर निशात थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज किये गये हैं। इससे पहले की अपनी यात्रा के दौरान उसने पर्यटक स्थल गुलमर्ग का दौरा किया था और यह दावा किया था कि सरकार ने उसे इस क्षेत्र में होटल सुविधाओं में सुधार का काम सौंपा है।
ये भी पढ़ें:
अयोध्या में राम लला की मूर्ति के लिए कर्नाटक से रवाना हुई शिला, 5 कलाकार देंगे भव्य आकार