यूक्रेन में फंसी सात भाइयों की अकेली बहन आयुषी आखिकार दूसरे छात्रों के साथ वतन लौट आई। दिल्ली के कराला गांव की रहने वाली आयुषी के सात भाई है। देखा जाए तो इस लिहाज से अपने पूरे परिवार की लाडली थी जिसे डॉक्टर बनाने की चाहत में घरवालों ने यूक्रेन भेजा था। लेकिन वहां युद्ध के हालात बने तो सात भाइयों के साथ साथ आयुषी के ननिहाल में भी डर का माहौल फैल गया।
एयरपोर्ट पर जब आयुषी पहुंची तो वहां उसके सारे भाई, पिता और मां के साथ साथ मामा हरीश के साथ कई और लोग भी उसे लेने पहुंचे। वहां आयुषी के लिए बाकायदा वेलकम केक काटा गया। आयुषी के मां बाप उसे इस तरह पुचकार रहे थे कि मानों आयुषी का जन्म हुआ हो।
ढोल नगाड़ों के साथ आयुषी के वेलकम पर भारत माता की जय के नारे लग रहे थे। आयुषी ने बताया कि वो भी यूक्रेन के बॉर्डर पर फंस गई थी और दोस्तों के साथ भारत माता की जय और वंदेमातरम् के नारे लगा रही थी जिससे सभी जोश में रहें।
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