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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'डीपफेक को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?', रजत शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल

'डीपफेक को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?', रजत शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल

दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से डीपफेक टेक्नोलॉजी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए किये गए उपायों पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

Rajat Sharma, Rajat Sharma Deepfake, Rajat Sharma News- India TV Hindi Image Source : PTI FILE दिल्ली हाई कोर्ट ने डीपफेक के बढ़ते मामलों पर सरकार से सवाल पूछा है।

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को डीपफेक टेक्नोलॉजी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए किये गए उपायों पर वस्तुस्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि उसने डीपफेक की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं। चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की अगुवाई वाली बेंच ने डीपफेक के बढ़ते चलन पर गौर किया। ‘डीपफेक’ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके असली से मिलती-जुलती फर्जी वीडियो, ऑडियो और तस्वीरें बनाई जाती हैं।

रजत शर्मा की याचिका पर हो रही थी सुनवाई

अदालत ने ‘डीपफेक’ टेक्नोलॉजी के गैर-नियमन के खिलाफ इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा एवं अधिवक्ता चैतन्य रोहिल्ला द्वारा याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह एक ‘बहुत गंभीर मुद्दा’ है जिससे प्राधिकारों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निपटने की जरूरत है। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा कि रिपोर्ट में सरकार के स्तर पर किये गए उपायों को रेखांकित किया जाना चाहिए और यह भी बताया जाए कि क्या समाधान सुझाने के लिए कोई उच्च स्तरीय समिति होगी। 

‘टेक्नोलॉजी के नकारात्मक हिस्से को हटाना होगा’

दिल्ली हाई कोर्ट ने डीपफेक से निपटने के प्रयासों के बारे में केंद्र सरकार से पारदर्शिता रखने को कहा है। बेंच ने कहा, ‘आप क्या कर रहे हैं? दिन-ब-दिन डीपफेक के मामले बढ़ रहे हैं। मुझे खुशी है कि इंडस्ट्री के लोगों ने कुछ पहल शुरू की हैं और लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे हैं।’ अदालत ने यह भी कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी कि AI को बैन नहीं किया जा सकता क्योंकि लोगों को इसकी जरूरत है। हाई कोर्ट ने कहा, ‘हमें टेक्नोलॉजी के नकारात्मक हिस्से को हटाना होगा और सकारात्मक हिस्से को रखना होगा।’

एडवोकेट वाधवा ने दुष्प्रभावों के बारे में बताया

रजत शर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दर्पण वाधवा ने महिलाओं पर डीपफेक के असंगत प्रभाव को उजागर किया, जिन्हें अक्सर अश्लील कंटेंट के साथ निशाना बनाया जाता है। चीफ जस्टिस ने इसके संभावित लाभों की पहचान करते हुए AI के दुरुपयोग को रोकने की चुनौती को भी माना। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता वाधवा ने तर्क दिया कि 72 घंटों के भीतर डीपफेक सामग्री को हटाने की आवश्यकता वाली वर्तमान सलाह अपर्याप्त है और तत्काल कार्रवाई आवश्यक है। (PTI इनपुट्स के साथ)

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