कर्नाटक हाईकोर्ट का हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज में एंट्री को लेकर बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। यानी अब छात्र और छात्राओं को स्कूल और कॉलेज प्रशासन के आदेश का पालन करना होगा और किसी शैक्षणिक संस्थान में हिजाब पहनकर एंट्री नहीं होगी। यह विवाद 1 जनवरी 2022 यानी 74 दिन से जारी है...जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है?
ये पूरा विवाद 1 जनवरी से शुरू हुआ था जब उडुपी कॉलेज की 6 छात्राओं ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका कहना था कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें हिजाब में एंट्री देने से मना कर दिया था। जबकि वो हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री लेने का प्रयास कर रही थीं। छात्राओं ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इसके बाद ये विवाद देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया।
छात्रों ने किया था विरोध- हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज में एंट्री के बीच कुछ छात्र भगवा गमछा लेकर सामने आ गए थे और छात्राओं का विरोध कर रहे थे। एक छात्रा की वीडियो के बाद ये विवाद और भी तेज हो गया था। ये वीडियो बहुत तेजी से वायरल भी हो गई थी। इसमें छात्रा ने प्रदर्शनकारी छात्रों को देखकर 'अल्लाह-हू-अकबर' के नारे भी लगाए थे। राज्य सरकार ने हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज में एंट्री पर रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट का फैसला आया-
बाद में इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी और इस फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट के फैसले से पहले ही सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में दखल देने की मांग की गई थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर सुनवाई करने से पहले हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करने की सलाह दी थी और याचिका को खारिज कर दिया था। अब हाईकोर्ट का फैसला आ गया है।
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