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Hindi News भारत राष्ट्रीय क्या होता है भूकंप के बाद 'Aftershocks' और ये कितना होता है खतरनाक? जिसे लेकर केंद्र सरकार ने दी है चेतावनी

क्या होता है भूकंप के बाद 'Aftershocks' और ये कितना होता है खतरनाक? जिसे लेकर केंद्र सरकार ने दी है चेतावनी

केंद्र सरकार ने दिल्ली एनसीआर में आए भूकंप के झटकों लेकर लोगों को आगाह किया है कि भूकंप के बाद Aftershock आ सकता है, ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है Aftershock?

Aftershock- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Aftershock

तड़के आज दिल्ली एनसीआर ने भूकंप के झटके महसूस किए। करीबन सुबह 5.36 बजे दिल्ली और उससे सटे आसपास के इलाकों में 4.0 तीव्रता के भूकंप आए। इस भूकंप ने दिल्ली एनसीआर में हड़कंप-सा मचा दिया। लोग अपने-अपने घरों से बाहर पार्क में दिखते नजर आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 4.0 मापी गई और इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी और इस भूकंप का केंद्र दिल्ली था, इसलिए यह झटके अधिक शक्तिशाली महसूस किए गए। इसके पीएम मोदी ने खुद सोशल मीडिया पर आकर लोगों को भूकंप के बाद 'Aftershocks' की चेतावनी दी। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है 'Aftershocks'?

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप आने के बाद दिल्ली एनसीआर के रहवासियों से शांत रहने की अपील की और बचाव के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा,"दिल्ली व आसपास के इलाकों में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। ऐसे में सभी से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने और भूकंप के बाद 'Aftershocks' के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया जाता है। अधिकारी इस स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं"

क्या है 'Aftershocks'?

वैज्ञानिकों की धारणा के मुताबिक, कई कम तीव्रता वाले भूकंप में से कोई भूकंप जो किसी बड़े भूकंप के बाद आता है वह 'Aftershocks' या भूकंप के बाद के झटके कहलाता है। चट्टानों के भीतर और उनके बीच होने वाले खींचाव में अचानक बदलाव और मेजर भूकंप द्वारा लाए गए पिछले भूकंप के फलस्वरूप में ऑफ्टर शॉक आता है। Aftershocks भूकंप के केंद्र के पास या मुख्य भूकंप को आश्रय देने वाली दरार के साथ स्थित चट्टानों में होते हैं।

कितना है नुकसानदायक?

हालाँकि अधिकांश आफ्टरशॉक से जुड़ी कंपन की तीव्रता में भूकंप की तुलना में कम होती है, पर कई इतने बड़े होते हैं कि केंद्र के आसपास बने बिल्डिंग और घरों को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। इस भूकंप द्वारा किए गए नुकसान और जानमाल के नुकसान से निपटने वाले स्थानीय निवासियों के लिए यह स्थिति बुरी से भी बुरी हो सकती है। 28 जुलाई 1976 में चीन के लुआंशियान में 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद ऑफ्टरशॉक आया था, फिर कुछ ही घंटे के अंतराल में पास के शहर तंगशन में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया। इस आए ऑफ्टरशॉक ने काफी लोगों की जान ली थी और ढ़ेरों बिल्डिंग को तबाह कर दिया था।

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