नई दिल्ली: अगस्त महीने के दौरान उत्तर भारत में गर्मी ने जमकर तांडव मचाया। कई जगह तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के भी पार चला गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार देश ने इतिहास में सबसे गर्म और शुष्क अगस्त का अनुभव किया है। इस साल के अगस्त महीने में 1901 के बाद से सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह चिंताजनक प्रवृत्ति जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है, जिससे मौसम संबंधी आपदाएं हो रही हैं।
अगस्त 2023 में औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक था। दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र में अगस्त में इससे अधिक औसत अधिकतम तापमान 2014 में देखा गया था, जब यह 36.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। बारिश नहीं होने के कारण अगस्त कम से कम 14 वर्षों में दूसरा सबसे शुष्क वर्ष बन गया। राष्ट्रीय राजधानी के बेस स्टेशन सफदरजंग में 61 प्रतिशत की वर्षा की कमी हुई, इसमें सामान्य 233.1 मिमी की तुलना में केवल 91.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
14 साल बाद इतनी कम हुई बारिश
जबकि, अगस्त 2022 केवल 41.6 मिमी वर्षा के साथ 14 वर्षों में सबसे शुष्क था, इस बार का अगस्त महीना उसी समय सीमा में दूसरा सबसे शुष्क वर्ष रहा। 21 अगस्त को एक दिन का उच्चतम तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जबकि महीने का औसत न्यूनतम तापमान 26.77 डिग्री सेल्सियस रहा। 31 अगस्त को तापमान सामान्य से ऊपर रहा, जो अधिकतम 36.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 25.9 डिग्री सेल्सियस था।
सितंबर में कैसा रहेगा मौसम
आईएमडी का कहना है कि सितंबर में कुछ राहत की उम्मीद है। इस महीने पूरे देश में मानसूनी वर्षा की गतिविधि सामान्य स्तर पर लौटने की उम्मीद है। लेकिन, आईएमडी ने सितंबर के लिए भी तापमान सामान्य से ऊपर रहने का पूर्वानुमान जताया है। मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने बताया है कि 1 सितंबर को दिल्ली में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा, जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। सितंबर में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पश्चिम-मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
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