Hijab Controversy: हिजाब को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, इन देशों में पहनने पर हो जाती है जेल
Hijab Controversy: हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है। इस मामले में दो जजों के बयान अलग-अलग सामने आए हैं। वही देश में इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया है। हर तरफ इसकी चर्चा की जा रही है। आपको बता दें कि कई देशों में हिजाब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
Highlights
- इन देशों में हिजाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है
- हिजाब पहनना गैरकानूनी माना जाता है
- 85 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रवाधान है
Hijab Controversy: हिजाब के मसले पर सुप्रीम कोर्ट किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है। सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसले दिए हैं। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने HC के फैसले को बरकरार रखा है और बैन के खिलाफ अर्जी खारिज की है। अब बड़ी बेंच में मामले की सुनवाई होगी। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। बता दें कि कर्नाटक हिजाब विवाद पर जिस कदर बवाल बढ़ा, जिस तरह से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले, ये पूरा विवाद एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। इसके साथ ही आपको हम बताएंग कि किन-किन देशों में हिजाब बैन है लेकिन पहले जान लें कि आज क्या-क्या हुआ है।
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। उन्होंने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है और हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना है। वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया है। ऐसे में अब इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा गया है।
क्या कहा हेमंत गुप्ता ने
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने बैन की अपील खारिज कर दी। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि क्या कॉलेज प्रबंधन छात्रों की वर्दी पर फैसला ले सकता है और अगर हिजाब पहनना और बैन करना अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, तो क्या अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 25 के तहत अधिकार परस्पर एक हैं। उन्होने कहा कि क्या सरकारी आदेश मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है? जस्टिस गुप्ता ने आगे कहा कि क्या छात्र अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग कर सकता है, इस्लाम के तहत जरूरी पहनावा पहन रहा है, क्या सरकार का आदेश शिक्षा के मूल उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है, मेरे अनुसार मेरा जबाव अपीलकर्ता के खिलाफ है। अत: मैं इस अपील खारिज करता हूं।
क्या कहा जस्टिस धूलिया ने
वहीं, जस्टिस धूलिया ने कहा कि मैंने कर्नाटक HC के आदेश को रद्द कर दिया है और साथ ही सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस धूलिया ने कहा कि ईआरपी में उतरने की जरूरत नहीं थी और कोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। यह सिर्फ पसंद का सवाल था। मैंने बिजॉय इमैनुएल में अनुपात को पूरी तरह से मामले को कवर किया है। इस मामले में मेरे लिए बालिकाओं की शिक्षा सबसे ऊपर थी। चूंकि दोनों जजों की इस मामले को लेकर अलग-अलग राय दी है, यानी कि अलग फैसले। ऐसे में ये हिजाब विवाद का पूरा मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दौर फिर शुरू हो जाएगा।
इन देशों में बैन है हिजाब
हमारे देश में कई महीनों से बहस चल रही है कि हिजाब बैन होगा या नहीं। आपको बता दें कि दुनिया के कई ऐसे देश है जहां पर हिजाब बैन है। इसमें सबसे चौकानी वाली बात है कि इस लिस्ट में मुस्लिम देश भी शामिल है जहां पर हिजाब बैन है। स्विटजरलैंड, श्रीलंका, इजिप्ट, सीरीया, लेबनान, अजरबैजान, चीन, मोरक्को, गैबोन, कॉन्गों, जमर्नी, कनाडा, चेड, बुल्गेरिया, कैमरून और नीदरलैंड इन देशों में हिजाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
इटली और श्रीलंका में हिजाब पर प्रतिबंध
आपको बता दें कि इन देशों में हिजाब पहनना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई इन नियमों को तोड़ता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई होती है। देश में सख्ती से कानून का पालन किया जाता है।
बुल्गारिया
आतंकी गतिविधियों को देखते हुए इस देश ने अपने यहां हिजाब पर बैन लगा दिया था। अगर इस देश में हिजाब पहनते हैं तो सजा भी हो सकती है और इसके अलावा ऊपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
चीन
सभी देशों की तुलना में चीन में कानून काफी सख्त है। यहां पर नियम तोड़ने वाले पर गंभीर सजा दी जाती है। चीन में धार्मिकता को परिभाषित करने कपड़े बैन है। इसके साथ ही साथ स्कूली और सरकारी दफ्तरों में हिजाब बैन है।
डेनमार्क कई महीने के विवाद के बाद बना था कानून
डेनमार्क संसद ने साल 2017 से ही देश में एक कानून बना दिया कि अगर कोई भी व्यक्ति चेहरा ढ़का हुआ पाया जाता है तो उसके ऊपर जुर्माना लगाया जाता है। आपको बता दे कि पहली बार आप चेहरा ढ़के हुए पाए जाते हैं तो 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता था। अगर कोई व्यक्ति दोबारा पकड़ा गया तो उसके ऊपर 85 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रवाधान है।
रूस में है सख्त कानून
यहां पर स्कूलों में हिजाब बैन है। रूस के स्त्रावरोपूल एरिया ने 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद मामला तुल पकड़ा तो सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, तो 2013 में कोर्ट ने भी फैसले को सही बताया और पूरे देश में कानून लागू कर दिया।
मुस्लिम देश भी है शामिल
सबसे हैरानी की बात है कि मुस्लिम देशों में हिजाब बैन है। आपको बता दें कि सीरिया के विश्वविधालयों में हिजाब पहनकर नहीं जा सकते हैं। इस देश में 2015 में ही कानून बना दिया गया कि कोई भी हिजाब से अपनी चेहरे को नहीं ढ़क सकता है। यहां पर 70 फिसदी मुस्लिम आबादी है।