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Hindi News भारत राष्ट्रीय वायनाड में तबाही: सेना, रडार और अब डॉग स्क्वायड... मलबे में से जिंदगी बचाने का काम युद्धस्तर पर

वायनाड में तबाही: सेना, रडार और अब डॉग स्क्वायड... मलबे में से जिंदगी बचाने का काम युद्धस्तर पर

वायनाड के अलग-अलग हिस्सों में भूस्खलन से घर और मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य अब भी चलाया जा रहा है। प्राकृतिक हादसे के बाद गांव के गांव भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं।

मलबों के बीच चलाया जा रहा राहत बचाव कार्य- India TV Hindi Image Source : PTI मलबों के बीच चलाया जा रहा राहत बचाव कार्य

केरल के पहाड़ी जिले वायनाड में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। वायनाड में भूस्खलन (Landslides) की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस प्राकृतिक हादसे में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं। भूस्खलन के मलबे में दबे शवों या संभावित जीवित लोगों को निकालने का काम अब भी किया जा रहा है। बचाव दल उन्नत तकनीकी उपकरण रडार और डॉग स्क्वायड टीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। शनिवार को लेफ्टिनेंट कर्नल मोहनलाल ने बचाव कार्यों में शामिल सभी कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए अपनी 122 इन्फैंट्री बटालियन और टीए मद्रास के साथ वायनाड भूस्खलन क्षेत्र का दौरा किया है।

बुजुर्ग महिला ने सीएम राहत कोष में दिए 10 हजार रुपये

वायनाड भूस्खलन हादसे के बाद व्यवसायी, मशहूर हस्तियां और संस्थाएं मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में लाखों-करोड़ों रुपये दान देने में जुटी हैं। इस बीच, पीड़ितों की मदद के लिए चाय की दुकान चलाने वाली एक बुजुर्ग महिला भी आगे आई है। कोल्लम जिले के पल्लीथोट्टम की रहने वाली सुबैदा अपना और अपने पति का पेट पालने के लिए एक छोटी सी चाय की दुकान चलाती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) को 10 हजार रुपये दान किए हैं। 

ड्रोन चित्रों से मलबे में फंसे लोगों की तलाश

सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आने के बीच बचाव दलों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मोबाइल फोन से प्राप्त अंतिम लोकेशन समेत जीपीएस निर्देशांकों और ड्रोन चित्रों का इस्तेमाल करके मलबे में फंसे लोगों की तलाश की। 

रडार को मिला नीला सिग्नल

वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांव में रडार प्रणाली के साथ खोज अभियान चला रहे बचावकर्मियों को किसी आदमी या पशु द्वारा सांस लेने का संकेत मिला है। अभियान में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बुरी तरह प्रभावित मुंडक्कई गांव में एक घर की तलाशी के दौरान रडार पर नीला सिग्नल प्राप्त हुआ। इसके बाद उस जगह पर बचाव अभियान चलाया गया। हालांकि, बचाव टीम को वहां पर कुछ भी नहीं मिला।

हादसे में 272 लोग घायल

वहीं, वायनाड जिले के मुंडक्कई क्षेत्र में भूस्खलन के तीन दिन बाद बचावकर्मियों ने शुक्रवार को एक ही परिवार के चार लोगों को पदवेट्टी कुन्नू के निकट एक इलाके में सुरक्षित पाया। भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस प्राकृतिक हादसे 273 लोग घायल हुए हैं। 

218 लोग अब भी लापता

अधिकारियों ने कहा कि वायनाड में जानमाल के नुकसान का अंदाजा तब लगेगा जब बचावकर्मी भारी मशीनरी का उपयोग करके मलबे और लकड़ी के लट्ठों से ढके घरों को साफ करेंगे। केरल के लोक निर्माण मंत्री पी ए मोहम्मद रियास नेकहा कि आधार दस्तावेजों, पर्यटकों के विवरण, आशा कार्यकर्ताओं से पूछताछ और राहत शिविरों और अस्पतालों में लोगों से बात करने के बाद जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार 218 लोग अभी भी लापता हैं।

भाषा के इनपुट के साथ

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