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Hindi News भारत राष्ट्रीय क्या सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की हुई अनदेखी? नूरी मस्जिद पर बुलडोजर चलने से छिड़ा संग्राम

क्या सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की हुई अनदेखी? नूरी मस्जिद पर बुलडोजर चलने से छिड़ा संग्राम

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में नूरी मस्जिद पर बुलडोजर चलाए जाने से बवाल मच गया है। इस मामले में जिला प्रशासन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों की अनदेखी करने का भी आरोप लग रहा है।

Noori Masjid, Noori Masjid Bulldozer, Noori Mosque Bulldozer- India TV Hindi Image Source : PTI फतेहपुर में नूरी मस्जिद पर चला बुलडोजर।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में नूरी मस्जिद पर 13 दिसंबर से पहले बुलडोजर एक्शन को लेकर संग्राम छिड़ गया है। मस्जिद कमेटी का कहना है कि जिला प्रशासन ने कोर्ट की अवहलेना की है क्योंकि मामला अभी अदालत में है। वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर स्टे या रोक नहीं लगाया था इसलिए कार्रवाई की गई। जिला प्रशासन पर सुप्रीम कोर्ट के उन दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने का भी आरोप लग रहा है जिनमें कहा गया था कि बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। आइए, जानते हैं कि दोनों पक्ष अपनी दलील में क्या कह रहे हैं।

क्या है मस्जिद कमेटी का दावा?

मस्जिद कमेटी का दावा है कि नूरी मस्जिद करीब 180 साल पुरानी है। उसका कहना है कि मस्जिद का निर्माण 1839 में हुआ था। मस्जिद कमेटी का कहना है कि जब मस्जिद बनी थी तब यहां सड़क नहीं थी बल्कि जंगल था, ऐसे में अवैध निर्माण की बात गलत है। कमेटी का यह भी कहना है कि जानबूझकर मस्जिद को टारगेट किया गया है, क्योंकि इसे बचाने के लिए बाईपास बनाने की सलाह भी दी गई थी, लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया। मस्जिद कमेटी ने कहा कि इस मसले पर 13 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई थी, इसलिए मस्जिद पर एक्शन पूरी तरह गलत है।

जिला प्रशासन की क्या है दलील?

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी के आरोपों पर जिला प्रशासन का कहना है कि बुलडोजर एक्शन से 45 दिन पहले ही मस्जिद को नोटिस जारी किया गया था। प्रशासन ने यह भी कहा कि कोर्ट ने इस मामले पर स्टे नहीं लगाया था इसलिए कार्रवाई कहीं से गलत नहीं है। बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही कुछ बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस जारी की थी और कहा था कि जो भी उसका उल्लंघन करेगा उस अफसर पर एक्शन होगा। ऐसे में फतेहपुर जिला प्रशासन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाए जा रहे हैं।

क्या थी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस?

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइंस में साफ-साफ कहा था कि बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। PWD का कहना है कि उसने मस्जिद कमेटी को 45 दिन पहले नोटिस दिया था यानी कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं हुई है बल्कि उसका पालन हुआ है। दूसरा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सड़क या नालियों पर अतिक्रमण कर कोई स्ट्रक्चर बनाया गया है तो उसपर जिला प्रशासन एक्शन ले सकता है। PWD के एक्शन के मुताबिक, यहां भी सड़क का चौड़ीकरण हो रही है ऐसे में यहां भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है।

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