'सैनिकों के परिवार को दी जाए वक्फ बोर्ड की जमीन', इस राज्य के बोर्ड की मांग
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कहा कि जब कोई सैनिक देश के लिए लड़ता है तो वह हिंदू, मुस्लिम या किसी अन्य धर्म के नाते नहीं, बल्कि एक देशभक्त के तौर पर लड़ता है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 संसद की जेपीसी की बैठक लगातार जारी है। सोमवार को हुई बैठक में पंजाब वक्फ बोर्ड, हरियाणा वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड सहित कई राज्य वक्फ बोर्डों ने जेपीसी की बैठक में अपने विचार और सुझाव दिए। इस बैठक में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर से अनोखा विचार साझा किया गया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने सुझाव दिया है कि वक्फ बोर्ड की जमीन सैनिको क़े परिवार वालो को दी जाए।
क्या है सुझाव?
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कहा कि जब कोई सैनिक देश के लिए लड़ता है तो वह हिंदू, मुस्लिम या किसी अन्य धर्म के नाते नहीं, बल्कि एक देशभक्त के तौर पर लड़ता है। इस भावना को ध्यान में रखते हुए बोर्ड वक्फ संपत्तियों से कुछ लाभ सैनिकों या उनके परिवारों को आवंटित करने के लिए एक कानूनी प्रावधान का सुझाव दिया। बोर्ड ने सुझाव दिया कि दरगाह मस्जिद और कब्रिस्तान को छोड़कर बाकी दूसरी लीज पर दी गई वक़्फ़ बोर्ड की जमीन सैनिकों के परिवार वालों को दे दी जाए।
सीबीआई जांच के प्रावधान की मांग
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के प्रस्ताव का विपक्षी दलों के कई सांसदों ने विरोध भी किया। हालांकि, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कहा कि अन्य धर्मों के साथ समानताएं बनाने के बजाय, वे एक नया मानक शुरू कर सकते हैं। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का समर्थन किया और विवादित संपत्तियों के संबंध में कहा कि जेपीसी में गहन निरीक्षण और जहां आवश्यक हो, सीबीआई जांच के प्रावधान शामिल हों।
भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच बहस
इससे पहले सोमवार को ही समिति के समक्ष दिल्ली वक्फ बोर्ड को बुलाने को लेकर भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच बहस भी हुई। ANI के सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया है कि एमसीडी आयुक्त और दिल्ली वक्फ बोर्ड प्रशासक, अश्विनी कुमार ने कथित तौर पर सीएम की मंजूरी के बिना वक्फ बोर्ड की मूल रिपोर्ट में काफी बदलाव किया है।
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