Village where there is never evening: तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले में मौजूद कोडूरूपका गांव कभी निजाम शासकों के घूमने और टहलने का स्थान होता था। हाल ही में इस गांव ने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। वजह यह है कि इस गांव में कभी शाम नहीं होती। दिन और रात को मिलाकर हुए 24 घंटों में यहां केवल सुबह दोपहर और रात होती है।
निजामों के लिए खास रहा यह गांव
यह गांव चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। कभी निजामों के लिए खास रहा गांव एक बार फिर टूरिस्ट प्लेस बनता जा रहा है। इस गांव में हरियाली बहुत है। यहां आकर मन को काफी सुकून मिलता है। निजाम शासन के वक्त इस गांव का नाम पोडालपका हुआ करता था, जो बाद में कोडूरूपका हो गया। इस क्षेत्र में चावल की खेती मुख्य रूप से होती है। अब कपास और मक्का की खेती भी यहां लोग कर रहे हैं।
गांव चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है
यह गांव चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस गांव के पूरब में गोला गुट्टा, पश्चिम में रंगानायकुला गुट्टा, दक्षिण में पामुबंदा गुट्टा और उत्तर में नांबुलादरी स्वामी गुट्टा पहाड़ियां मौजूद हैं। इसी वजह से यहां सूरज उगने और अस्त होने का समय प्रभावित होता रहता है।
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