विजया किशोर रहाटकर बनीं राष्ट्रीय महिला आयोग की नई अध्यक्ष, रेखा शर्मा की जगह लेंगी
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर को NCW का नया चेयरपर्सन बनाया गया है और वह रेखा शर्मा की जगह लेंगी।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की पूर्व प्रमुख विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग यानी कि NCW का 9वां अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह NCW में रेखा शर्मा की जगह लेंगी। शनिवार को जारी एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया कि NCW एक्ट, 1990 की धारा 3 के तहत की गई यह नियुक्ति 3 साल की अवधि या रहाटकर के 65 वर्ष के होने (दोनों में जो भी पहले हो) तक के लिए होगी। अधिसूचना के मुताबिक, रहाटकर का कार्यकाल तत्काल प्रभाव से शुरू होगा और यह घोषणा भारत के राजपत्र में भी प्रकाशित की जाएगी।
‘जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाऊंगी’
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए रहाटकर ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) जैसी संवैधानिक और विधायी संस्था की अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देती हूं। मैं इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाऊंगी। इसका लक्ष्य शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक भागीदारी जैसे विभिन्न आयामों में महिलाओं की क्षमता, अवसर और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाकर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ना है।’
महिला अधिकारों की दिशा में काम करता है NCW
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, डॉ. अर्चना मजूमदार को आधिकारिक तौर पर 3 साल के कार्यकाल के लिए NCW का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। NCW महिलाओं के अधिकारों की दिशा में काम करता है। इसके कार्यों में महिलाओं के लिए प्रदान किए गए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना शामिल है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रहाटकर ने विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों में नेतृत्व कौशल दिखाया है।
महाराष्ट्र में किए थे कई महत्वपूर्ण काम
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष (2016-2021) रहने के दौरान उन्होंने ‘सक्षमा’ (तेजाब हमले की पीड़िताओं की मदद), ‘प्रज्ज्वला’ (स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ना) और ‘सुहिता’ (महिलाओं के लिए चौबीसों घंटे की हेल्पलाइन सेवा) जैसी पहल का नेतृत्व किया। रहाटकर ने POCSO एक्ट, तीन तलाक विरोधी प्रकोष्ठ और मानव तस्करी रोधी इकाइयों जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कानूनी सुधारों पर भी काम किया। रहाटकर ने डिजिटल लिटरेसी प्रोग्राम भी शुरू किए और महिलाओं के मुद्दों को समर्पित ‘साद’ नामक प्रकाशन भी शुरू किया।
कई सम्मानों से नवाजी जा चुकी हैं रहाटकर
छत्रपति संभाजीनगर की 2007 से 2010 तक महापौर रहने के दौरान रहाटकर ने स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे से जुड़े महत्वपूर्ण डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट लागू किए। उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री और इतिहास से मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। रहाटकर ने ‘विधिलिखित’ और ‘औरंगाबाद : लीडिंग टू वाइड रोड्स’ समेत कई किताबें भी लिखी है। महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए उन्हें कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिनमें राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और राष्ट्रीय साहित्यिक परिषद द्वारा दिया जाने वाला सावित्रीबाई फुले पुरस्कार शामिल हैं।