अयोध्या: पूरे देश के लिए 22 जनवरी 2024 ऐतिहासिक दिन था जब रामलला की मूर्ति की अयोध्या में बने भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिन का कठिन व्रत रखा था। प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के बाद पीएम मोदी ने अपना उपवास तोड़ा और चरणामृत ग्रहण कर उपवास तोड़ा। इस दौरान आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत भी गर्भगृह में मौजूद रहे। प्राण प्रतिष्ठा के इस खास मौके पर पीेएम मोदी ने रामलला को साष्टांग दंडवत किया और वे भाव-विभोर हो गए।
'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने उपवास तुड़वाया। स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि, "...हमें उन्हें पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदों के साथ शहद पिलाना था...लेकिन उन्होंने मुझसे भगवान श्री राम का 'चरणामृत' देने के लिए अलग से कहा। इसलिए, हमने उनके उपवास को संपन्न करवाने के लिए बदलाव. किया..मुझे उस वक्त मां जैसा प्यार महसूस हुआ और मुझे ऐसा लगा जैसे मैं इसे अपने बेटे को अर्पित कर रहा हूं और उसका व्रत तोड़ रही हूं।' बता दें कि स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने ही कल श्री राम जन्मभूमि मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का उपवास तुड़वाया था।
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चरणामृत से अपना उपवास तोड़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वहां मौजूद तमाम लोगों को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि आज का दिन केवल विजय का नहीं बल्कि विनय का भी है। आज का दिन विश्व के लिए ऐतिहासिक है। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है और यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। पीेएम ने आगे कहा कि, हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है।
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