नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को एक ऐसी घटना हुई कि पूरे सदन में हंसी की लहर दौड़ गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने किसी सदस्य के नाम के आगे डॉक्टर लगाये जाने को लेकर एक रोचक टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा कि जब से उनकी पत्नी डॉक्टर बनी हैं, वह डॉक्टरों के प्रति बहुत सतर्क रहते हैं। यह बात उस समय की है जब उच्च सदन में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा चल रही थी। सभापति ने चर्चा में भाग लेने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) सदस्य के. केशव राव का नाम पुकारा।
उप राष्ट्रपति बोले- जब से श्रीमती जी डॉक्टर बनी हैं...
राव जब अपने स्थान पर खड़े होकर बोलना शुरू करने ही वाले थे कि उसी बीच सभापति ने उन्हें रोका। सभापति ने कहा कि वह अपनी बात में सुधार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह चर्चा में भाग लेने के लिए टीआरएस के डॉ. के केशव राव का नाम पुकारते हैं। इस पर राव ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके नाम के आगे डॉ. लगाया जाये या नहीं।
राव की इस बात के जवाब में धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘मैं पहले भी डॉक्टरों के प्रति सतर्क रहता था। किंतु जब से हाल में मेरी श्रीमती जी डॉक्टर हुई हैं तो मैं डॉक्टरों के प्रति बहुत सतर्क रहता हूं।’’ सभापति की इस हास्यपूर्ण टिप्पणी और उनके कहने के अंदाज से राव सहित पूरा सदन अपनी हंसी को रोक नहीं पाया।
धनखड़ के तीन शब्दों ने सांसदों के चेहरे पर बिखेर दी मुस्कान
इससे पहले सोमवार को भी ऐसा ही एक वाकया हुआ जब सांसदों के चेहरे पर मुस्कान तैर गई। कल जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन सरकार के विनियोग विधेयकों पर बोल रहे थे, तब उन्होंने अपने ‘प्यारे राज्य बंगाल’ की बात की। इससे पहले कि डेरेक ओ ब्रायन अपनी बात जारी रखते जगदीप धनखड़ ने ‘हमारा प्यारा राज्य’ जोड़कर उसे ठीक कर दिया। इसके बाद सदन के सदस्यों को हंसते हुए सुना जा सकता था।
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