Vice-President Election: उपराष्ट्रपति चुनावों से पहले विपक्ष की एकता को बड़ा झटका लगा है। टीएमसी ने ऐलान किया है कि वह उपराष्ट्रपति चुनावों से दूरी बनाकर रखेगी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि पार्टी आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेगी। इसके पीछे पार्टी का मानना है कि TMC से चर्चा किए बगैर ही विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) का नाम चुन लिया।
ना धनखड़ के साथ, ना मार्गरेट को समर्थन
अभिषेक बनर्जी ने कहा, "टीएमसी आगामी उपराष्ट्रपति चुनावों में भाग नहीं लेगी जैसा कि बैठक में तय किया गया था। टीएमसी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) का समर्थन नहीं करेगी और न ही चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेगी।" उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि जब जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे तो कैसे थे। उन्होंने बंगाल के लोगों और मुख्यमंत्री पर अलग-अलग तरह से हमला किया। इसलिए हम किसी भी कीमत पर एनडीए उम्मीदवार के साथ नहीं जाएंगे।"
"व्यक्तिगत समीकरण कोई मायने नहीं रखते"
टीएमसी सांसद बनर्जी ने आगे कहा कि विपक्ष ने टीएमसी से चर्चा किए बिना मार्गरेट अल्वा का उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नाम आगे किया। उन्होंने कहा, "विपक्ष ने 35 सांसदों वाली टीएमसी से परामर्श किए बिना उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।" उन्होंने कहा कि हमने कुछ नामों का प्रस्ताव दिया था जो परामर्श के बाद फाइनल हुए थे। लेकिन नाम उम्मीदवार परामर्श के बिना तय किया गया। उन्होंने आगे कहा हालांकि, विपक्षी एकता राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव के मापदंड पर निर्भर नहीं करती है। टीएमसी महासचिव ने आगे कहा कि अल्वा के ममता बनर्जी के साथ बहुत अच्छे समीकरण हैं लेकिन व्यक्तिगत समीकरण कोई मायने नहीं रखते।
शरद पवार ने किया था ऐलान
बता दें कि जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से ठीक पहले, ममता बनर्जी ने धनखड़ और असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा के साथ दार्जिलिंग गवर्नर हाउस में तीन घंटे की बैठक की थी। NCP चीफ शरद पवार ने ने मार्गरेट अल्वा को 17 विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त रूप से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की थी। पवार ने कहा था, "हमने सर्वसम्मति से मार्गरेट अल्वा को उपाध्यक्ष पद के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया है।"
क्यों नाराज हुई TMC
TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा ने कहा कि NDA उम्मीदवार के समर्थन का तो सवाल भी खड़ा नहीं होता। लेकिन जिस तरह से दोनों सदनों में 35 सांसदों वाली पार्टी के साथ उचित परामर्श और विचार-विमर्श के बिना विपक्षी उम्मीदवार का फैसला लिया गया था, इसी वजह से हमने सर्वसम्मति से मतदान प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला किया है। अभिषेक ने कहा कि कोई भी विपक्षी दल - आप, DMK अगर वे कुछ भी चर्चा करना चाहते हैं, तो हम हर तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं।
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